मानव संग्रहालय में देखने को मिलेगी पूर्वोत्तर की झलक
भोपाल। मानव संग्रहालय जल्द ही पूर्वोत्तर की संस्कृति और परंपरा की झलका देखने को मिलेगा। संग्रहालय वीथि में पूर्वोत्तर के सभी राज्यों को समर्पित गैलरी का निर्माण किया जा रहा है। यहां 17 कैटेगरी में 200 से ज्यादा ऑब्जेक्ट देखने को मिलेंगे। 30 जून तक इसका निर्माण पूरा हो जाएगा। जुलाई से इसे आम दर्शकों के अवलोकन के लिए खोल दिया जाएगा।
30 जून तक इसका निर्माण पूरा हो जाएगा मानव संग्रहालय के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. अशोक शर्मा के अनुसार अब तक यहां पूर्वोत्तर की सिर्फ गैलरी थी। जिसमें पूर्वोत्तर के किसी एक राज्य की संस्कृति को डिस्पले किया जाता था।
पूर्वोत्तर के लोग, वहां की संस्कृति और परंपरा को जानने में आम लोगों की खासी रुचि रहती है, लेकिन कम ही लोगों के इसके बारे में जानकारी है। आम लोगों तक उनके तौर-तरीके, रहन-सहन, संस्कृति और परिवेश को पहुंचाने के लिए इस गैलरी का निर्माण किया जा रहा है।
इसके निर्माण से पहले संग्रहालय की एक टीम ने इन राज्यों का दौरा कर वहां से कुछ खास चीजों का कलेक्शन किया है। इसे गैलरी में शामिल किया गया है। 17 कैटगरी में अनुष्ठान, पूजा पद्धति, आर्ट एण्ड क्राफ्ट, एग्रीकल्चर, फिशिंग एण्ड हंटिंग, एनिमल हसबेंडरी, टे्रवल एण्ड ट्रांंसपोर्ट जैसे विषयों को शामिल किया गया है।
नई थीम होगी किसान इस गैलरी की नई थीम को किसान नाम दिया गया है। इसमें कुछ ऑब्जेक्ट संग्रहालय के रिजर्व कलेक्शन से लिए गए हैं। नए कलेक्शन में माजुली आईलैंड की वैष्णव परंपरा को शामिल किया गया। दर्शक इस आईलैंड के रहन-सहन के साथ पूजा-पद्धति के बारे में जान सकेंगे।
पेंटिंग्स में नजर आएगी पोउबी लाई की कहानी डॉ. शर्मा के अनुसार यहां करीब 15 साल पहले ड्रेगन की तरह दिखने वाले अजगर पोउबी लाई आर्ट वर्क डिस्प्ले किया गया था। इसकी लंबाई करीब 21 फीट है। यह मणिपुर की संस्कृति से जुड़ा कैरेक्टर है। इसे वहां भगवान माना जाता है। इसलिए यह वहां की लोककथाओं से भी जुड़ा है। इसकी पूरी कहानी को पेंटिंग्स के जरिए उकेरा गया है। इससे जुड़ी दस से ज्यादा पेंटिंग्स में पूरी लोककथा को उकेरा गया है।
सिक्किम की बौद्ध संस्कृति से लेकर नगालैंड के वुड क्राफ्ट होंगे खास यहां त्रिपुरा, मिजोरम और मेघालय के आभूषणों का खास कलेक्शन लाया गया है। वहीं, अरुणाचल प्रदेश में अनुष्ठान और शादी के समय पहने जाने वाले बांस से बने गहनों को भी डिस्प्ले में शामिल किया गया है। यह ऑर्गेनिक और इनऑर्गेनिक दोनों तरह के हैं।
नगालैंड में वुड क्राफ्ट, हेडगियर और टेक्सटाइल परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। इसे फर्टिलिटी कल्ट के माध्यम से यहां दिखाया जाएगा। वहीं, सिक्किम पहाड़ी संस्कृति और बौद्ध परंपरा पर भी स्पेशल ऑब्जेक्ट तैयार किया गए हैं, जो मेटल के बने होंगे।
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