इस बार स्टे रास्ता रोककर बनाईं गईं झुग्गी वासियों की तरफ से लाया गया है। इस कारण प्रशासन अभी इस पर कार्रवाई नहीं कर पा रहा। शिकायतकर्ता पिछले पांच छह साल से रास्ता खुलवाने को लेकर प्रयासरत हैं। कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने इस मामले की फाइल खंगलवाई, लेकिन बैरागढ़ सर्किल के अधिकारियों अभी स्टे की जानकारी कलेक्टर को दी है।
प्रशासन ने वर्ष 2006 में गांधी नगर स्थित गोंदरमऊ में खसरा नंबर 471/1/1 व 47/1/2 की 4.4 एकड़ जमीन लीज पर दी थी, लेकिन जिन शर्तों पर यह लीज दी गई थी उसका उल्लंघन जांच में पाया गया था। जुलाई 2019 में तत्कालीन एसडीएम ने इस संबंध में की गईं शिकायतों की जांच की।
इसके बाद रिपोर्ट बनाकर एडीएम कोर्ट में प्रस्तुत कर दी। तत्कालीन एडीएम ने भी स्पॉट पर जांकर जांच की और अपनी रिपोर्ट बनाकर कलेक्टर कोर्ट में प्रस्तुत कर दी। इसी बीच पहला स्टे आसाराम सेवादारों की तरफ से ले लिया गया। जब तक ये स्टे खत्म हुआ तो अब दूसरा स्टे रास्ते को कब्जा कर रह रहे झुग्गी के लोगों की तरफ से आ गया है।
जांच में मिली है हवाई पट्टी
आसाराम आश्रम में जहां जगह दी गई है उस जगह की जांच के बाद वहां पर जिस कब्जे को लेकर विवाद था वहां पर हवाई पट्टी की जमीन निकली है। इसी पट्टी पर अवैध झुग्गियां बसाईं गईं हैं और रास्ता रोककर किसानों के लिए परेशानी खड़ी की है।
आसराम आश्रम सेवादारों की तरफ से एक स्टे के बाद दूसरा स्टे झुग्गी वासियों की तरफ से लाया गया है। जब तक स्टे खत्म नहीं होगा कार्रवाई नहीं की जा सकती।
– मनोज उपाध्याय, एसडीएम, बैरागढ