मरीज के परिजनों को मरीज का नाम और अस्पताल की जानकारी देनी होगी। इसके बाद जिला प्रशासन खुद ही अस्पताल में यह इंजेक्शन पहुंचा देगा। यह बात भोपाल के कलेक्टर अविनाश लवानिया ने कही। एक दिन पहले ही दवा बाजार में भटकते परिजनों और दवा व्यापारियों से विवाद को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
जानिए क्या है ‘रेमडिसिविर दवाई’
जानकारी के लिए बता दें कि अमेरिका की एक कंपनी ने हेपेटाइटिस के इलाज के लिए रेमडेसिविर दवाई की खोज की थी। वहीं बाद में इबोला वायरस के खिलाफ भी यह दवाई काफी कारगर पाई गई। अब कोरोना महामारी में भी जब कोरोना मरीजों पर इस दवाई का इस्तेमाल किया गया तो कोरोना संक्रमण में भी यह दवाई प्रभावी निकली।
ये दवाई कोरोना मरीज के शरीर में संक्रमण को फैलने से रोकती है। बीते दिनों डब्लूएचओ ने भी कोरोना के इलाज के लिए रेमडेसिविर दवाई के इस्तेमाल को मंजूरी दी थी। उसके बाद से ही भारत में इस दवाई की डिमांड काफी बढ़ गई है।
तेजी से बढ़ रहा है संक्रमण
मध्य प्रदेश में बीते 24 घंटों में प्रदेशभर में कोरोना के 4986 नए संक्रमित मिले हैं। इसके बाद प्रदेश में अब कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 332206 हो गई है। वहीं, संक्रमण से मरने वालों की संख्या 4160 पहुंची है। आर्थिक राजधानी इंदौर में बीते 24 घंटों के दौरान 912 नए पॉजिटिव केस सामने आए हैं। इसके बाद शहर में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 77592 हो गई है। जबकि, यहां संक्रमण का शिकार होकर अब तक 994 लोग जान गवां चुके हैं। इंदौर में 69173 लोग स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके हैं। अभी कुल 7425 एक्टिव केस हैं।