हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में इस एक्ट पर चर्चा हुई थी, लेकिन मंत्रियों में सहमति नहीं बनने के कारण प्रस्ताव को हरीझंडी नहीं मिल सकी। अब विधि एवं विधायी कार्य मंत्री पीसी शर्मा वकीलों को साधने के साथ मंत्रियों को भी भरोसे में लेने का प्रयास कर रहे हैं। मंत्रियों का तर्क है कि वकीलों को भरपूर अधिकार प्राप्त हैं। उन्हें और अधिकार दिया जाना ठीक नहीं होगा।
MUST READ : कई राज्यों में भारी बारिश, MP में मानसून पर लगा ब्रेक, 5 दिन बाद बारिश होने के आसार
शिवराज कर चुके प्रयास
तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने का प्रयास कर चुके थे। उन्होंने इसके लिए वकीलों की पंचायत बुलाकर ऐलान किया था। साथ ही आश्वस्त किया था कि एक्ट को जल्द लागू किया जाएगा, लेकिन चुनावी वादों की तरह यह वादा भी अधूरा ही रहा।
ऐसा है एक्ट
एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट के कानूनी रूप लेने के बाद वकीलों को धमकी देना भी गैर जमानती अपराध हो जाएगा। न्यायिक व्यवसाय करने वालों के साथ मारपीट, हमला, अपराधिक बल प्रयोग और डांट-डपट करना भी दंडनीय व संज्ञेय अपराध माना जाएगा। इसमें दोषी को तीन महीने की जेल भी हो सकती है।
वकीलों के मामलों को फास्ट ट्रैक कोर्ट में लाकर जल्द निराकरण कराने की भी तैयारी है।
MUST READ : पानी पूरी सेहत के लिए हानिकारक, जांच रिपोर्ट में हुआ खुलासा
तन्खा ने याद दिलाया वचन
विवेक तन्खा ने ट्वीट कर कहा कि एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट कांग्रेस के वचन पत्र में शामिल है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जबलपुर लीगल कॉनक्लेव में भी वकीलों से वादा किया था। इस एक्ट को जल्द लागू किया जाना चाहिए।
एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट पर पिछली कैबिनेट बैठक में चर्चा हुई थी। मंत्रियों के सुझावों को शामिल कर अगली बैठक में फिर प्रस्ताव फिर रखा जाएगा। प्रदेश में वकीलों की सुरक्षा के लिए यह एक्ट लागू करेंगे।
– पीसी शर्मा, विधि मंत्री