पुरानी अदालत के सामने अतिक्रमण हटाने में भेदभाव का आरोप, चार माला बिल्डिंग छोड़ी
लोगों का दावा : 50 साल से ज्यादा पुरानी दुकानें थी यहां, उनके पास किराए की रसीदें भी हैं
पुरानी अदालत के सामने अतिक्रमण हटाने में भेदभाव का आरोप, चार माला बिल्डिंग छोड़ी
भोपाल. शाहजहांनाबाद स्थित पुरानी अदालत के सामने बनी एक दर्जन दुकानें और अधिवक्ताओं के चेम्बरों को तहसीलदार बैरागढ़ गुलाब सिंह की टीम ने हटवा दिया। लेकिन इस कार्रवाई में भेदभाव बरतने के आरोप प्रशासन पर लगे हैं। प्रमोद नेमा ने बताया कि यहां पर उनकी पुश्तैनी दुकान थी जो पिछले पचास साल से उनके पास थी, जिसका किराया भी उनके द्वारा दिया जाता है। लेकिन प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए इसे और अन्य दुकानों को तोड़ दिया, लेकिन बीच की चार माला बिल्डिंग नहीं तोड़ी।
अगर कार्रवाई करनी है तो पूरी जमीन पर की जाए, बीच की बिल्डिंग क्यों छोड़ी गई। इस मामले में तहसीलदार का कहना है कि उनके पास जिनके केस नजूल कार्यालय में चल रहे थे उन पर कार्रवाई की है। चार माला इमारत में 31 फ्लैट बने हैं, बिना केस के कैसे कार्रवाई कर दें। लेकिन सवाल ये है कि जब जमीन सरकारी है तो चार माला बिल्डिंग कैसे बन गई।
सरकारी खसरा नंबर 64 की 15 हजार 270 वर्गफीट जमीन को लेकर बैरागढ़ नजूल कार्यालय में ही केस चल रहा था। पुनर्घनत्वीकरण योजना के तहत ये जमीन दिलीप बिल्डिंकॉन को मिली है। केस जीतने के बाद प्रशासन ने कार्रवाई की है। अब यहां पर नई सरकारी बिल्डिंग बनाई जाएगी। यहां तीस से चालीस साल पुराने कब्जे थे। सुबह से लेकर शाम पांच बजे तक अतिक्रमण तोडऩे की कार्रवाई की गई।
पुरानी तोड़कर नई इमारत बनेगी
शासन ने वर्षों पुरानी सरकारी इमारतों को पुनर्घनत्वीकरण योजना के अंतर्गत निजी कंपनियों को दिया है। वे यहां पुरानी इमारत तोड़कर सरकार को नई इमारत बनाकर देंगी। इसमें 60 और 40 फीसदी के अनुपात से काम होता है। इसके बदले में सरकार कंपनी को जमीन या नकदी का लाभ देती है।
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