लोकायुक्त में विभिन्न नगरीय निकायों के करीब 175 भ्रष्टाचार के मामले दर्ज हैं। इसमें से अधिकाश मामलों में अध्यक्ष और परिषद शामिल हैं। यह मामले वर्ष २०१६ से लेकर अभी तक के हैं। इनमें विभाग, लोकायुक्त तथा दोषियों के बीच में सवाल-जवाब चल रहे हैं। बुरहानपुर में एक साल पहले पीएम आवास के फर्जी पट्टे पकड़ाए गए थे, जिसमें कई अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है। ग्वालियर में दो साल पहले पार्क की जमीन पर मकान बनाने की शिकायत की गई थी, जिसका प्रतिवेदन निगम आयुक्त ने अभी तक विभाग को नहीं भेजा है।
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इन उदाहरणों से समझेंअलीराजपुर: 2018 में शिकायत की गई कि तत्कालीन परिषद अध्यक्ष सेना महेश पटेल ने जनसुरक्षा के लिए आरक्षित जमीन फर्जी तरीके से नीलाम करा दी। मामले में कई अधिकारियों को दोषी पाया गया। कुछ के खिलाफ कार्रवाई हुई। अध्यक्ष को पद से हटाया गया। सीएमओ से दस लाख की वसूली नहीं हो पाई है।
भोपाल नगर निगम में सबसे ज्यादा शिकायतें अवैध निर्माण को लेकर हुई हैं। बताया गया कि प्रभावशाली लोगों ने बिना भवन अनुज्ञा के बड़ी इमारतें तान दी, लेकिन अधिकारियों ने कार्रवाई नहीं की। 2019 में ई-3 में 45, ई-4 में 178 और ई-4 में 30 नंबर में अवैध निर्माण किया गया। लाला लाजपत कॉलोनी में ११ मकान बिना बिल्डिंग परमिशन के बनाए गए हैं।