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भोपाल

अश्विनी शर्मा ने जेल में मांगी एससी-एसटी एक्ट और आइपीसी की किताबें

मूक-बधिर छात्राओं से दुष्कर्म का मामला : पुलिस ने 20 दिन में ही पेश किया 794 पन्नों का चालान

भोपालAug 30, 2018 / 08:00 am

रविकांत दीक्षित

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ashwini Sharma want to SC-ST act and ipc books in jail

भोपाल. छात्रावास में मूक-बधिर छात्राओं के साथ दुष्कर्म के मामले में पुलिस ने एफआइआर दर्ज होने के 20 दिन बाद जिला अदालत में मुख्य आरोपी हॉस्टल संचालक अश्विनी शर्मा के खिलाफ जिला अदालत में चालान पेश कर दिया। विशेष सत्र न्यायाधीश एट्रोसिटी एक्ट पंकज गौड़ की अदालत में पुलिस ने 794 पन्नों का चालान पेश किया। चालान में 87 गवाहों की सूची पेश की गई है। गवाहों की सूची में मूक-बधिर पीडि़त, परिजन, सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारी, डॉक्टर, पुलिसकर्मी शामिल हैं। पुलिस के चालान पेश करने के दौरान मुख्य आरोपी अश्विनी शर्मा को केन्द्रीय जेल से जिला अदालत में पेश किया गया।

अश्विनी शर्मा की ओर से वकील राजेश सोलंकी और अशीष शर्मा ने आवेदन पेश कर बताया कि शर्मा जेल में एससी एसटी एक्ट, भारतीय दंड विधान आइपीसी की किताबें पढऩा चाहता है। साथ ही चालान की प्रति, एक रजिस्टर और पेन उसे मुहैया कराया जाए, जिससे वो उसके खिलाफ आए साक्ष्य का अध्ययन कर सके। इस पर अदालत ने जेल मैन्युअल के अनुसार कार्रवाई करने के लिए जेल अधीक्षक को निर्देशित किया है। दूसरी ओर सरकारी वकील पुनीत तिवारी ने मामले में पीडि़त के मूक-बधिर होने से सांकेतिक भाषा के विशेषज्ञ की नियुक्ति की मांग को लेकर आवेदन दायर किया। अदालत ने इस पर विचार के लिए 10 सितंबर की तारीख तय की है।

चालान में बताया गया है कि विवेचना के दौरान आए तथ्यों के आधार पर यह पाया गया है कि अश्विनी शर्मा हॉस्टल में पीडि़त मूक-बधिर को अपने मोबाइल से अश£ील फोटो और वीडियो दिखाता था। पीडि़ता के साथ छेड़छाड़ करता था। कई दिनों से पीडि़त को जबरदस्ती हॉस्टल में रोककर रखा था। अश्विनी शर्मा ने अलग-अलग तारीखों में चार बार पीडि़ता के साथ उसकी इच्छा के बगैर दुष्कर्म किया है, साथ ही किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी थी। पुलिस ने मुख्य आरोपी अश्विनी शर्मा के खिलाफ भारतीय दंड विधान कीधारा 354, 354-ए3, 354-ए1, 376-2डी, 376-2एन, 376-2 1, 376-2एफ और आईटी एक्ट की 1 दर्जन से ज्यादा धाराओं के अंतर्गत चालान पेश किया है।

कोपा में पढ़ाई करने भोपाल आई थीं छात्राएं

चालान में बताया गया है कि मूक-बधिर पीडि़ता को वर्ष 2016 में दसवीं पास करने के बाद सामाजिक न्याय विभाग उज्जैन ने आगे की पढ़ाई के लिए भोपाल भिजवाया था। यहां मूक बधिरों के लिए विशेष कोपा विषय में पीडि़ता ने एडमिशन लिया था। सामाजिक न्याय विभाग के निर्देश पर पीडि़ता को अश्विनी शर्मा के क्रिस्टल आइडल सिटी स्थित हॉस्टल में रखवाया गया था। अश्विनी छात्राओं को मोबाइल फोन पर अश्लील वीडियो दिखाता था।

वीडियो रिपोर्ट पॉजीटिव

अश्विनी के हास्टल में रहने वाली मूक-बधिर छात्रा के सोशल मीडिया में वायरल हुए आपत्तिजनक वीडियो की रिपोर्ट एसआइटी को मिल गई है। रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि अश्विनी के मोबाइल से यह वीडियो वायरल हुआ था। वीडियो किसके मोबाइल से बनाया गया इसकी रिपोर्ट आना बाकी है। एसआइटी अश्विनी के खिलाफ दर्ज दुष्कर्म, अप्राकृतिक कृत्य के दूसरे मामले में 31 अगस्त तक चालान पेश करने की तैयारी में है। इसके लिए पुलिस तैयारी में जुट गई है। इसके बाद छेड़छाड़ के मामले में पुलिस चालान पेश करेगी।

 

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