इस तरह वसूला जाएगा पार्टी फंड
आपको बता दें कि, पार्टी ने तय किया है कि, अगर चुनाव के समय कोई एससी-एसटी वर्ग के दावेदार टिकट के लिए आवेदन करता है तो, उससे पांच हजार रुपए राशि पार्टी फंड के रूप में ली जाएगी। इसके अलावा ओबीसी वर्ग का कोई व्यक्ति अगर टिकट की दावेदारी करता है तो, उससे दस हजार पार्टी फंड लिया जाएगा और अगर किसी सामान्य वर्ग के व्यक्ति का नाम टिकट की दावेदारी के लिए सामने आता है, तो उससे पार्टी फंड के रूप में पंद्रह हजार रुपए लिए जाएंगे। आपको बता दें कि, पार्टी को अब तक 300 से ज्यादा दावेदारों से आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। इन आवेदनों में सबसे ज्यादा दावेदारी रीवा, ग्वालियर-चंबल, सागर संभाग से की जा रही है।
इन सीटों पर है पार्टी का फोकस
मध्य प्रदेश में बसपा सभी 230 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में नहीं है। उसका फोकस सिर्फ उन विधानसभा सीटों पर है जहां वह खुद को मजबूत मानती है। यह वह सीटे है जहां पार्टी को पिछले चुनावों में अच्छा वोट प्रतिशत मिला था। बसपा के मुताबिक, प्रदेश में लगभग ऐसी 75 विधानसभा सीटें हैं। अभी तक पार्टी का फोकस सिर्फ इन्हीं 75 सीटों पर दिख रहा है। बसपा की मध्य प्रदेश इकाई पार्टी सुप्रीमो मायावती को यह रिपोर्ट भेजेगी और पार्टी सूत्रों के अनुसार, उन्ही के आधार पर अन्य पार्टी से गठबंधन कर टिकट का बंटवारा किया जाएगा। पार्टी के मुताबिक, विंध्य, बुंदेलखंड और ग्वालियर-चंबल ऐसे संभाग हैं, जहां साल 2013 के विधानसभा चुनाव में बसपा के खाते में चार सीटें आईं थीं। इसके अलावा इसमें 62 विधानसभा सीटें ऐसी भी हैं, जहां बीएसपी को 10 हजार और 17 सीटों पर 30 हजार वोट हासिल किए थे।