इन क्षेत्रों की गुलमोहर, त्रिलंगा, बावडिय़ा कलां, सलैया, शाहपुरा, अरेरा कॉलोनी, चूनाभट्टी, कोलार रोड की सैकड़ों कॉलोनी को होशंगाबाद रोड, बाग सेवनिया, बाग मुगलिया, कटारा हिल्स आदि क्षेत्र से जोडऩे के लिए इस समय बावडिय़ा कलां रेलवे फाटक मुख्य रास्ता है। मंडीदीप जाने वाले भी यहां से होकर गुजरते हैं।
इस फाटक पर इतना अधिक ट्रैफिक हो जाता है कि दिन में सौ बार से अधिक इसे खोलना पड़ता है। पीक ऑवर्स में तो वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग जाती हैं। कई बार तो ट्रेन गुजरने का सिग्नल होने के बाद फाटक का सायरन बजता रहता है और एक के बाद एक वाहन निकलते रहते हैं। कई बार वाहन फंसने पर तो ट्रेन को देरी से निकालना पड़ता है।है। इस बार देरी का कारण पानी की लाइन का शिफ्ट नहीं हो पाना है।
बावडिया कलां आरओबी को अगस्त 2018 में शुरू हो जाना चाहिए था, लेकिन अभी तक काम ही पूरा नहीं हो सका है। इस बार आरओबी के लिए संपर्क रोड का पेच अटक गया है। पहले तो जलकार्य वाले नर्मदा लाइन को तलाश नहीं सके। लाइन मिलने पर अब काम किया जा रहा है।
यह आरओबी अगस्त 2018 के बाद दिसंबर 2018 में शुरू करने की बात कही गई थी। उसके बाद इसे फरवरी और मार्च 2019 में शुरू करने की बात कही गई थी। अप्रेल चल रहा है और काम की गति को देखते हुए इस आरओबी को जून से पहले शुरू हो पाना संभव नहीं लग रहा है।
– प्रतिदिन इस ट्रैक के गुजरने वाली ट्रेन : 250
– आरओबी की कुल लागत : 39 करोड़ रुपए
– रेलवे के हिस्से में निर्माण की लागत : 15 करोड़
– पीडब्ल्यूडी के हिस्से में निर्माण की लागत : 24 करोड़
– पुल की लंबाई : 661 मीटर
– पुल की चौड़ाई : 12 मीटर
– प्रति घंटा वाहन गुजरते : 5000
– नए पुल से प्रति घंटा पैंसेजर वाहन गुजरेंगे : 7000
– काम पूरा होना था अगस्त 2018 तक
– अब पूरा करने का लक्ष्य दिसंबर 2018 तक
बावडिया कलां आरओबी कनेक्टिविटी के लिए नर्मदा लाइन शिफ्ट की जानी थी। पहले लाइन नहीं मिल रही थी, लेकिन बाद में लाइन मिलने के बाद शिफ्टिंग का काम तेजी से किया जा रहा है। शायद कुछ काम ही बचा है। इसके बाद एक-दो दिन में शटडाउन लेकर कनेक्शन लाइन के कनेक्शन जोड़ दिए जाएंगे।
– एआर पवार, चीफ इंजीनियर, वाटर वक्र्स, नगर निगम