मध्यप्रदेश में हुए विधानसभा में रतलाम जिले की सैलाना विधानसभा से चुनाव जीतकर विधायक बने कमलेश्वर डोडियार हर दिन चर्चाओं में रहते हैं। वे चर्चाओं में इसलिए भी रहते हैं कि वे एक झोपड़ी में रहते हैं, घर कच्चा है। खाने-पीने के भी विशेष साधन नहीं है। दोस्तों से कर्ज लेकर विधानसभा का चुनाव लड़े और जीत गए। चुनाव जीतकर वे पहली बार अपने एक दोस्त के साथ मोटरसाइकिल से विधानसभा तक पहुंच गए। इसके कुछ दिन बाद उन्होंने 28 लाख की इनोवा कार खरीद ली। अब विधायकजी उसी से चल रहे हैं। उनका कहना है कि यह वाहन उन्होंने लोन लेकर लिया है। कमलेश्वर डोडियार सैलाना विधानसभा से भारत आदिवासी पार्टी (BAP) से विधायक हैं। आदिवासी बहूल इस क्षेत्र की जनता ने भाजपा-कांग्रेस दोनों को ही नकार दिया था।
मध्यप्रदेश में सबसे गरीब विधायक (Adivasi Leader) कमलेश्वर डोडियार पर हाल ही में एफआईआर दर्ज हुई है। जिसमें विधायक पर मेडिकल संचालक से एक करोड़ रुपए मांगने का आरोप है। पुलिस ने उन पर धारा 323, 294, 506, 327, 384, 34 के तहत प्रकरण दर्ज किया है।
दरअसल, शहर के डाक्टर तपन राय विधायक कमलेश्वर डोडियार के घर मिलने पहुंचे थे। उन्होंने अपने साथ हुई घटना का एक वीडियो भी जारी किया है। वीडियो में डाक्टर साहब ने कहा है कि विधायक डोडियार ने 19 फरवरी को उन्हें अपने यहां पर बुलाया था। ह अपने अंकल को भी विधायक के साथ लेकर गए थे। जब डोडियार से मिलने गए तो पहले तो उन्हें बाहर खड़ा करवा दिया गया। उनकी तलाशी लेकर मोबाइ बाहर ही रखवा लिया। इसके बाद मिलने के लिए भीतर भेजा गया।
डाक्टर साहब की डिग्री और मेडिकल स्टोर के बारे में बातचीत होने लगी। डाक्टर ने कहा कि वे फार्मासिस्ट हैं। उनके पास सर्टिफिकेट भी है। विधायक ने बिना रुपयों का नाम लिए कहा कि कितना कर सकते हो? बात को न समझाने पर विधायक ने डाक्टर से स्पष्ट तौर पर कह दिया कि यदि एक करोड़ रुपए दोगे तो तुम्हें यहां पर रहने दूंगा।
डाक्टर ने आगे बताया कि इसके बाद विधायक उनके क्लीनिक पर आए और तीन घंटे तक बैठे रहे। उन्होंने कहा कि तुमने मेरे प्रतिनिधइ दशरथ डिंडोर जिसे मैंने भेजा था, उससे भी बात नहीं की। अब तुम्हें जेल भेज कर रहूंगा। डाक्टर तपन राय का कहना है कि जाते-जाते विधायक ने कहा था कि इसमें कुछ रिवर्स हो सकता है, बता कितना दे सकता है? डा. तपन राय की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच तेज कर दी है। बताया जा रहा है कि पुलिस ने विधायक पर दबिश देना भी शुरू कर दिया है।
जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 8 में दोषी नेता अयोग्य घोषित हो सकते हैं। धारा 8(1) के अंतर्गत प्रावधान है कि यदि विधायक बलात्कार, अस्पृश्यता, विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम के उल्लंघन, धर्म, भाषा या क्षेत्र के आधार पर शत्रुता पैदा करने, भारतीय संविधान का अपमान करने, प्रतिबंधित वस्तुओं का आयात या निर्यात करने, आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने जैसे अपराध करता है तो उसे अयोग्य माना जाएगा और कोर्ट की तरफ से सिर्फ हर्जाना या जेल की सजा होने पर वह अपनी सदस्यता गंवा देगा और 6 वर्ष के लिए अयोग्य घोषित होगा। फिर चुनाव नहीं लड़ पाएगा।