बैठक में सीएम शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि नैतिक शिक्षा, संस्कार और योग अध्ययन को नई शिक्षा नीति में महत्व दिया जाए। इन विषयों को पहली कक्षा से जोड़ा जाए। योग को प्रभावी बनाने योग आयोग बनाए जाने की जरूरत है। सीएम ने महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान के राज्य स्तरीय योग केंद्र एवं अन्य संगठनों की प्रशंसा की।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में मरीजों को ऑनलाइन योग प्रशिक्षण और काउंसलिंग कार्यक्रम की देश में सराहना हुई, इसीलिए योग को प्रभावी बनाने के लिए जरूरी है कि स्वतंत्र संगठन बने जो इससे जुड़े विषयों पर काम करे। नई शिक्षा नीति तभी प्रभावी होगी, जब उसे जल्द से जल्द लागू किया जाए।
स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार ने स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता, विकास और नई शिक्षा नीति 2020 के विभिन्न पहलुओं को प्रभावी तौर पर लागू करने के निर्देश दिए। इसी कड़ी में टास्क फोर्स के सदस्यों को चार समूह में बांटकर नीति के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई। सुझावों और मार्गदर्शन संबंधी पहलुओं पर आधारित प्रेजेंटेशन दिया गया।
नैनिहालों का भविष्य गढऩे की कवायद
बैठक में नई शिक्षा नीति के अनुरूप शिक्षकों में फंक्शनल लिट्रेसी और नुमरेसी के प्रशिक्षण ऑनलाइन के साथ ऑफलाइन संचालित करने, शिक्षा नीति की समझ विकसित करने मॉड्यूल द्वारा प्रशिक्षण, प्रदेश में क्षेत्र के हिसाब से क्लस्टर आधारित शिक्षा व्यवस्था बनाने, कक्षा आठवीं में गणित और अंग्रेजी विषय पर कैप्सूल रिच कोर्स, कॉलेज छात्रों की मैपिंग कर वॉलंटियर बनाने पर बात हुई.
इसके साथ ही राज्य ओपन स्कूल में सेंटर बढ़ाने, मातृभाषा में प्रारंभिक शिक्षा, शिक्षा कैलेंडर में सह शैक्षणिक गतिविधियों को शामिल करने, प्रारंभिक- बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण, अनुभव और परिणाम आधारित शिक्षकों का चयन और पदस्थापना सहित भारत सरकार के पढऩा लिखना अभियान और नव भारत साक्षरता कार्यक्रम आदि पर मंथन हुआ। इस अवसर पर सभी सदस्यों के सुझाव लिए गए।