पहले भी पार्टी फंड के नाम पर उठी थी मान
कुछ महीनो पहले कांग्रेस ने फंड जुटाने की तरकीब लगाते हुए प्रत्याशियों के सामने पचास हज़ार रुपये पार्टी फंड के नाम पर रुपये जमा करने की शर्त रखी थी, इसमें कुछ उम्मीदवारों ने तो तय रकम जमा भी कर दी थी, लेकिन उस समय भी पार्टी के गरीब उम्मीदवारों के विरोध में यह शर्त ठंडे बस्ते में चली गई थी, लेकिन इस बार पार्टी ने उम्मीदवारों को दूसरे तरीके से अपन पुरानी बात हल कराने का प्रयास किया है। इसका मतलब तो यह हुआ कि, कान सीधे हाथ से पकड़ो या उल्टे से पकड़ में कान ही आएगा।
बीजेपी-कांग्रेस में यह है असमंजस
इधर कांग्रेस के साथ साथ बीजेपी में भी टिकट को लेकर प्रत्याशियों में खास इंतेज़ार है। लेकिन, भाजपा के सामने नामों को सुनिश्चित ना कर पाने का अलग कारण है। बीजेपी के सामने ज्यादा दावेदारों का संकट है। लेकिन दोनो ही पार्टिंया इस कशमकश से बाहर निकलने की हर संभव जद्दोजहद में लगी हुई हैं। दोनो ही पार्टियों ने दावेदारों के चयन के लिए एक जैसे मापदंड तय किये हैं, जिनमें उनकी लोकप्रियता, जनाधार, पार्टी के प्रति निष्ठा, हाईकमान से कॉर्डिनेशन जैसे गुण होना ज़रुरी है। लेकिन कांग्रेस ने इससे परे उम्मीदवारों के समक्ष एक और शर्त रखते हुए कहा कि, टिकटार्थियों में खुद के प्रचार का फंड खर्च करना होगा।
इस तरह होता है खर्च
– कांग्रेस पार्टी के पास पैसे की कमी है
– कांग्रेस को डर है कि प्रत्याशियों के ऐलान के बाद विरोधी समर्थक पैसा खर्च करना बंद कर देंगे।
– इस बार प्रत्याशियों की खर्च की लिमिट 28 लाख रुपए रखी गई है
– अलग अलग माध्यमों से प्रत्याशी और उनके समर्थक चुनाव में करोड़ों रुपए खर्च करते हैं
– हाल में एआईसीसी की ओर से भी कार्यकर्ताओं के पैसै जमा करने की अपील की गई थी
बीजेपी ने किया हमला
इस मामले में बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि कांग्रेस के पास तो धनबल की कोई कमी नहीं होनी चाहिए उनके पास राजा महाराजा उद्योगपतियों का पैसा है। अगर वो गरीब हैं तो गरीबी की परिभाषा को बदला जाना चाहिए। सत्ता से 15 साल तक बाहर रहने के बाद ज़ाहिर है कांग्रेस आर्थिक तौर पर संकट से जूझ रही है। ऐसे में कांग्रेस के सामने कार्यकर्ताओं और दावेदारों से आर्थिक सहायता लेने के अलावा कोई चारा नहीं है। उम्मीदवारों को प्रचार के लिए पार्टी की मदद मिलेगी ये कम ही मुमकिन है। लिहाजा अब टिकटार्थियों के आर्थिक दृष्टिकोण के भी मद्देनजर रखकर टिकट बांटे जाएंगे।