एक लाख रुपए तक वसूला जाएगा जुर्माना
मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक़, पहले लगाए गए जुर्माने में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने वालों पर ज़मीन की क़ीमत का 20 फीसदी तक जुर्माना वसूलने का प्रावधान था। ऐसे में किसी बड़ी या शहरी इलाकें की ज़मीन का जुर्माना इतना ज्यादा हो जाता था कि, उसे वसूल कर पाना नामुमकिन हो जाता था, ऐसी स्थिति से निपटने का तरीक़ा निकालते हुए सरकार ने अब जुर्माने की अधिकतम राशि एक लाख रुपए तक वसूलने का फैसला लिया है। इस फैसले से यह होगा कि, जल्दी ही सरकारी ज़मीन को अतिक्रमण मुक्त भी किया जाएगा और कम जुर्माना होने के चलते मिलने वाली राशि से राजस्व के खजा़ने में बढ़ोतरी होगी।
निजी ज़मीन पर भी प्रावधान
इसके अलावा अगर कोई अतिक्रमण कारी निजी भूमि पर अतिक्रणण करता है और ऐसी स्थिति में उसके खिलाफ अतिक्रमण के प्रमाण मिलते हैं, तो ऐसे शख्स से 50 हजार रुपए तक जुर्माना वसूल किया जाएगा, साथ ही उसके क़ब्ज़े से ज़मीन को मुक्त कराया जाएगा। साथ ही, जिस व्यक्ति की ज़मीन अतिक्रमण की गई है उसे क्षतिपूर्ति के लिए प्रति हेक्टेयर के हिसाब से दस हज़ार रुपए अनुदान भी दिया जाएगा। भू-राजस्व एक साथ दस साल का जमा करने की सुविधा भी दी जाएगी। अभी हर साल भू-राजस्व जमा करना होता है। इसी तरह भू-राजस्व संहिता की धारा 253 में अकाल या प्राकृतिक आपदा की सूरत में श्रमदान को अनिवार्य किया गया था।