ऑल इंडिया नेशनलाइज्ड बैंक्स ऑफिसर्स कन्फेडरेशन और केनरा बैंक अधिकारी संघ ने भारतीय बैंक संघ नोटिस दिया – प्रस्तावित हड़ताल और आने वाले आंदोलन के संबंध में ऑल इंडिया नेशनलाइज्ड बैंक्स ऑफिसर्स कन्फेडरेशन और केनरा बैंक अधिकारी संघ ने भारतीय बैंक संघ नोटिस दिया है। इसके साथ ही और सरकार को भी नोटिस दिया गया है. फेडरेशन की लोकल मीटिंग में मुख्य रूप से राष्ट्रीयकृत बैंकों में निजीकरण की प्रक्रिया का विरोध दर्ज कराया है।
फेडरेशन की विज्ञप्ति में बताया गया है कि सरकार द्वारा इस संबंध में उठाए गए कदमों को वापस लेने की मांग करती है। फेडरेशन का यह भी मानना है कि सरकार का यह रास्ता अंत में निजीकरण की तरफ जाता है। बैंक कर्मचारी नेता वीके शर्मा ने बताया कि 15 दिसंबर को दिल्ली में सरकार के साथ आइबीए के पदाधिकारी चर्चा करेंगे। इसके बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल भी हो सकती है।
प्रदेश में 8.70 लाख करोड़ का कारोबार हो सकता है प्रभावित
बैंक कर्मचारियों की 16 व 17 दिसंबर की दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल से व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित होगा। एक अनुमान के मुताबिक हड़ताल से अकेले मध्यप्रदेश में ही 8.70 लाख करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित होने का अनुमान है। दरअसल अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सार्वजनिक, व निजी क्षेत्र के बैक अधिकारी-कर्मचारी दो दिवसीय हड़ताल करने जा रहे हैं।
इन सेवाओं पर असर
— नकद जमा-निकासी
— लॉकर ऑपरेट नहीं होंगे
— आरटीजीएस नहीं होगा
— फारेन एक्सचेंज प्रभावित होगा
— हाउसिंग, शिक्षा, कार लोन नहीं होगा
— 7000 से अधिक शाखाएं
— एमपी में 40,000 से अधिक बैंक कर्मचारी अधिकारी