शिवराज पर हमला
कमलनाथ ने कहा- शिवराज जेब मे नारियल लेकर चलते हैं जहां मौका मिलेगा फोड़ देंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा ने प्रदेश को कलंकित किया है, मुझे दिल्ली जाने में शर्म आती है वहां लोग कहते हैं उसी प्रदेश से हो जहां सब बिकने तैयार हैं। हमारे प्रजातंत्र के साथ जो खिलवाड़ हुआ है उसका फैसला चुनाव में होगा। नौजवान और किसान पीड़ित हैं, जो पैसा शिवराज बांट रहे वो प्रीमियम हमने दिया।
ज्योतिरादित्य सिंधिया की भाजपा में एंट्री के बाद पार्टी के कई सीनियर नेता नाराज हैं और उपचुनाव में सिंधिया समर्थक नेताओं टिकट दावेदारी को देखते हुए कई नेता अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर दुविधा में हैं। ऐसे में पूर्व विधायक पारुल साहू भी नाराज थीं।
2018 में नहीं मिला था टिकट
2013 में विधायक बनी पारुल साहू को 2018 में टिकट नहीं दिया गया था। पारुल को लोकसभा चुनाव लड़ना चाहती थीं इसलिए समझौता हुआ था लेकिन उन्हें लोकसभा का भी टिकट नहीं दिया गया था। वहीं, दूसरी तरफ ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद उनके करीबी गोविंद सिंह राजपूत भी अब भाजपा में हैं।
2013 के विधानसभा चुनाव में पारुल साहू भाजपा की उम्मीदवार थीं और गोविंद सिंह राजपूत कांग्रेस के टिकट से मैदान पर थे। इस चुनाव में पारुल साहू ने गोविंद सिंह राजपूत को चुनाव में हराया था। हालांकि हार का अंतर बहुत कम था। 2013 में पारुल साहू को 59,513 वोट मिले थे जबकि गोविंद सिंह राजपूत को 59,372 वोट मिले थे। लेकिन अब होने वाले उपचुनाव में गोविंद सिंह राजपूत भाजपा में हैं और माना जा रहा है कि सुरखी विधानसभा सीट से वहीं उम्मीदवार हो सकते हैं। वहीं, पारुल साहू के कांग्रेस में शामिल होने के बाद माना जा रहा है कि उन्हें सुरखी से टिकट दिया जाएगा।