मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस बार मंत्रिमंडल में शामिल नए मंत्री 100 दिनों तक एक तरह से ‘प्रोबेशन’ पर रहेंगे। इनमें मध्यप्रदेश के पांच मंत्री भी शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मंत्री पद देने से पहले सभी मंत्रियों को इम्तिहान की तरह यह समझाने का प्रयास किया है कि यदि उन्हें मौका मिलता है तो वे 100 दिनों में क्या-क्या काम करेंगे और कैसे करेंगे। यह भी उन्हें बताया गया है कि उनके कामों पर नजर भी रखी जाएगी और समीक्षा भी होगी।
क्या है 100 दिनों का प्लान
मोदी सरकार ने अपनी सरकार का 100 दिनों का एक्शन प्लान तैयार किया है। क्योंकि सबकी नजर मोदी सरकार के कामकाज और आगे आने वाली योजनाओं पर लगी हुई है। पीएमओ ने शपथ ग्रहण से पहले ही सभी मंत्रालयों से अपनी प्राथमिकताएं तय करने के लिए कह दिया है। सूत्रों के मुताबिक 31 मई को होने वाली मोदी सरकार की पहली बैठक में इस 100 दिनों के एक्शन प्लान पर फाइनल मोहर लग जाएगी।
यह भी है खास
-पहले सौ दिन में मोदी सरकार नेशनल एजुकेशन पॉलिसी का भी ऐलान कर सकती है। इसमें दस नए उच्च शिक्षण संस्थान खोलने की घोषणा, उच्च शिक्षण संस्थानों में खाली पांच लाख पदों को भरने का ऐलान संभव है।
-बुलेट ट्रेन के काम को तेजी देने के लिे जमीन अधिग्रहण की अड़चनों को दूर करना। जुलाई में पूर्ण बजट, आयकर छूट सीमा बढ़ाकर 5 लाख सालाना करना तय किया जा सकता है।
-किसानों को 6 हजार सालाना देने की योजना का विस्तार हो सकता है।
चार रीजन को किया कवर
इस बार प्रदेश के चार रीजन को इस टीम में कवर किया गया है। साथ ही जातिगत समीकरण में सामान्य से तोमर, अनुसूचित जाति वर्ग से गेहलोत, ओबीसी से प्रहलाद पटेल और आदिवासी वर्ग से कुलस्ते को शामिल किया है। प्रदेश के चार रीजन ग्वालियर-चंबल, महाकौशल, बुंदेलखंड और मालवा को जगह मिली है।
यह है मोदी का मंत्रिमंडल
——————————————— राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
——————————————— राज्य मंत्री
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