डिस्टेंस लर्निंग भी काफी हद तक मुमकिन हुई है
सिटी टॉपर सिद्धांत दास ने बताया कि मैं दिल्ली यूनिवर्सिटी से हिस्ट्री ऑनर्स की पढ़ाई करना चाहता हूं। कॉलेज के लिए पहले से तैयारी कर रहा हूं। मैं ऑथर डॉ. शशि थरूर की बुक्स पढ़ता हूं जो उन्होंने हिस्ट्री से रिलेटेड ब्रिटिश एंपायर के बारे में लिखी हैं। साथ ही रामचंद्र गूहा की किताबें भी पढ़ता हूं। जब एग्जाम रद्द हुए तो बहुत नर्वस हो गया था। मैं सीबीएसइ के रिजल्ट के फार्मूले से भी खुश हूं। लॉकडाउन के दौरान सिर्फ ऑनलाइन क्लासेस ही चल रही थी लेकिन ये उतना इंपेक्टफुल नहीं रहा जो ऑफलाइन में होता है। लगातार ऑनलाइन पढ़ाई करने से मुझे चश्मा लगा गया था। मेरे साथ कई दोस्तों को चश्मा लगा है। हालांकि इसका फायदा भी हुआ। ऑनलाइन पढ़ाई से यह मालूम हुआ है कि डिस्टेंस लर्निंग भी काफी हद तक पॉसिबल है। सीबीएसइ ने तकनीक का इस्तेमाल किया जो फायदेमंद रहा। टीचर्स ने भी पढ़ाने के लिए नए-नए इनोवेशन किए जो काफी हद तक हमारे लिए कारगर साबित हुए।
प्री बोर्ड की तैयारी पर किया था फोकस
मैं इस रिजल्ट से बहुत संतुष्ठ हूं। मैंने सालभर परीक्षा की तैयारी की है। मैंने सभी प्री बोर्ड के ऑफलाइन और ऑनलाइन एग्जाम दिए थे। 8 घंटे नियमित पढ़ाई करती थी। रिजल्ट आने से पहले काफी नर्वसनेस हो रही थी कि कब रिजल्ट आएगा। मैंने ऑप्टमिस्टिक सोच रखी थी कि मेरा रिजल्ट अच्छा ही आएगा। पेपर नहीं हुए फिर भी इस रिजल्ट से खुश हूं। अगर मैं ऑफलाइन पेपर भी देती तो इतने ही मार्क्स ला सकती थी। मैं सिविल सर्विसेज में जाना चाहती हूं। कोरोना काल में जब भी तनाव होता था तो पेंटिंग बनाती थी और नॉवेल पढ़ती थी। यह मेरे लिए स्ट्रेस बस्टर होता है।