स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी ने बुधवार को आयोजित कार्यशाला में विशेष रूप से ये बातें कहीं. उन्होंने साफतौर पर कहा कि स्कूल निर्माण में बच्चों की सुरक्षा और निर्माण की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए. इसके साथ ही भवन की डिजाइन इस तरह से बनाई जाए, जिससे बच्चों को एकाग्र होने में आसानी हो.
शमी ने यह भी कहा कि चयनित डिजाइंस पर बनने वाले भवन 50 से 100 साल तक मजबूती से खड़े रहें. कार्यशाला में जनजाति कार्य विभाग की प्रमुख सचिव पल्लवी जैन गोविल ने कहा कि 89 जनजातीय ब्लॉक और वहां की भौगोलिक विशेषताओं को ध्यान में रखकर स्कूलों की डिजाइन तैयार की जानी चाहिए. कार्यशाला में पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन (एप्को) के चयनित आर्किटेक्ट ने भी भागीदारी की.
इन्हें विशेष तौर पर बताया गया कि भवनों के स्ट्रक्चर में जनजातीय क्षेत्र के हिसाब से ट्राइबल आर्ट को भी शामिल किया जाए. कार्यशाला में बिल्डिंग मटेरियल, फर्नीचर, क्लास रूम, ड्राइंग और निर्माण की समय सीमा पर भी चर्चा की गई। यहां पुलिस हाउसिंग बोर्ड के एमडी उप्रेंद्र जैन, एप्को के एमडी श्रीमन शुक्ला, लोकशिक्षण संचालनालय आयुक्त अभय वर्मा आदि मौजूद थे.