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मंकी पॉक्स के बाद चिकन पॉक्स ने दी दस्तक, स्वास्थ्य विभाग ने कही ये बात…!

चिकन पॉक्स और मंकीपॉक्स दोनों के लक्षण एक समान होते हैं…..

भोपालMay 29, 2022 / 01:22 pm

Ashtha Awasthi

भोपाल। एक तरफ जहां देश में मंकी पॉक्स को लेकर चिंता का माहौल है। सरकार भी अस्पतालों को मंकी पॉक्स से निपटने के लिए तैयारी रखने अलर्ट जारी कर चुकी है। इन सबके बीच शहर में चिकन पॉक्स ने दस्तक दे दी है। कुछ दिनों में शहर में 4 मरीजों में चिकन पॉक्स के मामले सामने आ चुके हैं। इनमे से दो सगे भाई बहन हैं। दोनों मंडोरा गांव के रहने वाले हैं। स्वास्थ्य विभाग में अब चिकन पॉक्स के मरीजों पर विशेष नजर रखने को कहा है क्योंकि चिकन पॉक्स और मंकीपॉक्स दोनों के लक्षण एक समान होते हैं।

ज्यादा घातक नहीं है चिकन पॉक्स

भोपाल के मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रभाकर तिवारी के मुताबिक चिकन पॉक्स के कुछ मरीजों के सामने आने की जानकारी मिली है। हालांकि यह बहुत ज्यादा गंभीर बीमारी नहीं है 2 या 3 दिन में अपने आप ही ठीक हो जाती है। कुछ लोग चिकन पॉक्स के लक्षणों को मंकीपॉक्स समझ कर घबरा सकते हैं लेकिन ऐसा सही नहीं है क्योंकि फिलहाल देश में मंकी पॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है।

मंकी पॉक्स को लेकर अलर्ट

इधर स्वास्थ्य विभाग पहले ही मंकी पॉक्स को लेकर अलर्ट जारी कर चुका है। स्वास्थ्य विभाग ने विदेशों से आने वाले यात्रियों पर जिन्हें शरीर में दाने के साथ बुखार हो उनपर विशेष नजर रखने के निर्देश जारी किए हैं।

मंकी पॉक्स के लक्षण

मंकी पॉक्स के लक्षण संक्रमण के 5वें दिन से 21वें दिन तक आ सकते हैं। शुरुआती लक्षण फ्लू जैसे होते हैं। इनमें बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, कमर दर्द, कंपकंपी छूटना, थकान और सूजी हुई लिम्फ नोड्स शामिल हैं। इसके बाद चेहरे पर दाने उभरने लगते हैं, जो शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैल जाते हैं। संक्रमण के दौरान यह दाने कई बदलावों से गुजरते हैं। आखिर में चेचक की तरह ही पपड़ी बनकर गिर जाते हैं। यह चेहरे और हाथों की हथेलियों और पैरों के तलवों को ज्यादा प्रभावित करता है।

जानिए क्या है इलाज

मंकीपॉक्स के लिए वर्तमान में कोई प्रमाणित और सुरक्षित इलाज नहीं है, हालांकि अधिकांश मामले हल्के होते हैं. जिन लोगों को वायरस से संक्रमित होने का संदेह है, उन्हें कमरे में अलग-थलग किया जा सकता है। मंकीपॉक्स की पुष्टि नमूने के प्रकार और गुणवत्ता और प्रयोगशाला परीक्षण के प्रकार पर निर्भर करती है। कारकों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और लोगों को उन उपायों के बारे में शिक्षित करना मंकीपॉक्स की मुख्य रोकथाम की रणनीति है। मंकीपॉक्स की रोकथाम और नियंत्रण के लिए टीकाकरण का आकलन करने के लिए अब स्टडी चल रही है। हालांकि, चेचक के टीके वायरस के प्रसार को रोकने में काफी हद तक प्रभावी साबित हुए हैं।

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