मंत्रियों को हर सोमवार-मंगलवार सरकारी निवास और वल्लभ भवन के कक्ष में जनसुनवाई के निर्देश मिले हैं। ब्यूरोक्रेसी जैसे शिकायत और फीडबैक राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के तीन दिवसीय प्रवास की बैठकों में सामने आया था। अक्टूबर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की कार्यकारी मंडल की बैठक में मोहन भागवत एवं अमित शाह फिर भोपाल आ रहे हैं जिसके चलते सरकार और संगठन अपनी छवि सुधारने के प्रयास में है। सीएम ने मंत्रियों को कहा कि कार्यकर्ताओं और जनता के बीच पकड़ मजबूत करें, नहीं तो कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
संघ के फीडबैक से बढ़ी चिंता
प्रदेश में संघ के मालवा, महाकौशल और मध्य भारत प्रांतों की समन्वय बैठकों में सत्ता और संगठन के प्रति अच्छा फीडबैक नहीं आया। बेहतर फीडबैक न मिल पाने के कारण सरकार चिंता में है। तीनों प्रांतों के प्रमुख अरुण जैन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ये फीडबैक भोपाल में हुई बैठक में दे चुके हैं।
इन मुद्दों ने बिगाड़ी छवि
संघ के फीडबैक में जनता से संवाद में कमी, अफसरों की मनमानी और कार्यकर्ता की अनदेखी सांसद, विधायक स्तर पर होना पाया गया है। किसान आंदोलन के भड़कने के पीछे भी संघ इन्हीं कारणों को प्रमुख वजह के तौर पर गिनवा चुका है। मोहन भागवत की चर्चा में ये मुद्दे भी शामिल रहेंगे।
फिर भड़के सीएम
भरोसेमंद टीम को लेकर चलने वाले सीएम शिवराज सिंह ने सामने आए इन मुद्दों के बाद सभी मंत्रियों को आड़े हाथों लिया और सख्ती से हिदायत दी कि वे कार्यकर्ताओं और जनता से सीधे संपर्क में रहना जल्दी ही सीख लें।