आचार संहिता लागू होने के साथ ही प्रशासन ने सरकारी योजनाओं और राजनैतिक दलों के होर्डिंग, बैनर आदि हटाने का काम चालू कर दिया है। इसके साथ ही प्रशासन ने आदेश जारी कर दिया है कि बिना अनुमति के कोई भी आयोजन नहीं किया जा सकेगा। अन्य चीजों के साथ ही बैंड—बाजा—बारात Band baaja baaraat पर भी आचार संहिता Code of conduct का अड़ंगा लग गया है।
चुनाव और मतगणना संपन्न होने तक कानून-व्यवस्था बनाए रखना पुलिस और प्रशासन की सबसे बड़ी चुनौती है। इसे देखते हुए जनसभा, धरना, विरोध प्रदर्शन आदि को प्रतिबंधित कर दिया गया है,इसके लिए अनुमति जरूरी है। इसके अलावा रैली निकालने, जुलूस आदि पर भी प्रतिबंध लगाया है।
डीजे पर भी यह प्रतिबंध लागू है। बैंड—बाजेवाले भी बिना अनुमति के अपनी गाड़ी के साथ नहीं निकल सकेंगे यानि बारात निकालने की भी पूर्व अनुमति लेनी होगी। अब बिना अनुमति के शादी का पंडाल लगाना कानूनन जुर्म हो गया है। इसके साथ ही बारात लगाना भी कठिन है क्योंकि आचार संहिता के अंतर्गत 5 या इससे ज्यादा लोेग एक स्थान पर एकत्रित नहीं हो सकेंगे।
बैंड—बाजा—बारात Band baaja baaraat पर एक और झंझट है। अब कोलाहल नियंत्रण कानून के अंतर्गत साइलेंस जोन घोषित किए गए हैं। इससे साउंड सिस्टम नहीं बजा सकेंगे। दस डेसीबल से कम के साउंड की ही मंजूरी है।
इन सब दिक्कतों के बीच एक राहत की भी खबर है। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के अंतर्गत कोई भी हथियार रखना प्रतिबंधित है लेकिन दूल्हे को इससे छूट दे दी गई है। शादी में दूल्हा परंपरागत रूप से कटार रखते आए हैं और प्रशासन ने भी इसकी मंजूरी दे दी है।