यह घोषणा लागू होती है तो प्रदेश में 73% आरक्षण हो जाएगा, जो सुप्रीम कोर्ट की 50% तक की आरक्षण की सीमा से ज्यादा है। तमिलनाडु में 69% व महाराष्ट्र में 52% आरक्षण की व्यवस्था है। विशेषज्ञ सुभाष कश्यप का कहना है कि प्रदेश में आरक्षण की नई सीमा को लागू करने नौवीं अनुसूची की लंबी संवैधानिक प्रक्रिया अपनानी पड़ेगी।
आरक्षण लागू करने का दूसरा रास्ता
विधि विभाग के अनुसार, आर्थिक आधार पर आरक्षण दे सकते हैं। इससे 50त्न आरक्षण की तय सीमा भी पार नहीं होगी। घोषणा किस आधार पर लागू होगी, यह प्रस्ताव आने पर साफ हो पाएगा।
भाजपा ने बताया चुनावी शिगूफा
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव बोले, सीएम की नीयत में खोट है। सरकार ने गरीब सवर्ण आरक्षण को लटकाने का प्रयास किया। ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण की बात चुनावी शिगूफा है।