समय सीमा रखने का कारण
हालांकि, लोगों से भारत बंद की अपील पूरे दिन बंद रखने की नहीं की जा रही। कांग्रेस की ओर से इसका समय सुबह 9 से दोपहर 3 बजे तक रखने का किया जा रहा है। बंद को सीमित समय के लिए लागू करने के पीछे की वजह बताते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कुछ दिनो पहले बताया था कि, हमें इस बंद के ज़रिए सरकार को चेताना है कि, आम इंसान को होने वाले नुकसान से अब भी सचेत हो जाए। लेकिन इसे पूरे दिन के लिए बंद करने से आम लोगों को भी नुकसान होता है। इसका असर छोटे कारोबार पर पड़ता है और कांग्रेस नहीं चाहती कि, छोटे कारोबारियों को इसका ज्यादा नुकसान हो। इसलिए इस बंद को सीमित समय के लिए किया गया है।
राजधानी में दिग्विजय की अपील
व्यापारियों से बंद की अपील करने के लिए कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह शनिवार को राजधानी के चौक बाजार पहुंचे, जहां उन्होंने लोगों से पेट्रोल-डीजल, जीएसटी, नोटबंदी समेत महंगाई के मुद्दे पर बात करते हुए व्यापारियों से 10 सितंबर को बाजार बंद रखने की अपील की। दिग्विजय सिंह ने बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यदि सरकार 2014 में लागू सेंट्रल एक्साइड ड्यूटी और वैट टैक्स लगाती है तो पेट्रोल और डीजल के दामों में सत्रह रुपए से लेकर बीस रुपए तक की कमी आ सकती है। दिग्विजय ने बीजेपी सरकार पर उद्योगपतियों को सस्ता और आम आदमी को महंगा पेट्रोल देने का आरोप लगाया। सरकार पर हमला बोलते हुए डालर के मुकाबले रुपए के कमजोर होने पर उन्होंने पीएम मोदी से इस्तीफे की मांग भी की।
यहां मिला व्यापारियों का समर्थन
वहीं, इंदौर में भी पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के विरोध में शहर कांग्रेस ने व्यापारियों से सुबह 9 से दोपहर 3 बजे तक दुकानें बंद रखने का आव्हान किया। बंद को प्रमुख व्यापारिक संगठनों का समर्थन भी मिला। अहिल्या चेंबर ऑफ कॉमर्स समेत प्रमुख व्यापारिक संगठनों ने बंद में साथ देने की बात कही है। शहर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष विनय बाकलीवाल और जिलाध्यक्ष सदाशिव यादव ने शनिवार को पत्रकार वार्ता में केंद्र और राज्य सरकार को ईंधन के बढ़ते दामों पर आड़े हाथों लेते हुए आरोप लगाया कि जनता की जेब काटकर खजाना भरने की प्रवृत्ति ईंधन के बढ़ते दामों की असल वजह है। उन्होंने 2014 के भाजपा के चुनाव अभियान के प्रचार विज्ञापनों को सामने रखते हुए कहा कि उस वक्त 60 रुपए लीटर के दाम पर हल्ला मचाने वाली भाजपा के साथ टि्वटर पर हायतौबा करने वाले सेलिब्रिटी भी अब खामोश क्यों हैं। सरकार की नीयत इसी से पता चलती है कि भारत कच्चा तेल आयात करने के बाद उसे प्रोसेस कर अन्य देशों को पेट्रोल 37 रुपए और डीजल 34 रुपए प्रति लीटर के दाम पर निर्यात कर रही है, जबकि देश में 85 रुपए लीटर से ज्यादा में बेचा जा रहा है।