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अब से शुरु हुई ये व्यवस्था
जारी निर्देश के मुताबिक, राज्य के बाहर से आने वालों की कोरोना की जांच रिपोर्ट देखी जाएगी। इसी आधार पर आने वाले को प्रवेश दिया जाएगा। अगर किसी व्यक्ति की जांच नहीं हुई होगी, तो तत्काल उसकी सूचना पास के स्वास्थ्य केंद्र, जनपद या जिले के नोडल अधिकारी को दी जाएगी। ताकि, उसकी जांच की जा सके। इसके अलावास अगर बार से आने वाले किसी व्यक्ति को सर्दी, सूखी खांसी और तेज बुखार जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, तो उसका इलाज सुनिश्चित कराने के लिये और 14 दिन क्वारंटीन रखने तक की व्यवस्था की जाएगी।
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क्या कहते हैं जिम्मेदार?
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव सचिन सिन्हा के मुताबि, महाराष्ट्र के साथ साथ प्रदेश से सटे अन्य राज्यों में बड़ी संख्या में सीमावर्ती गांवों से लोग रोजगार के लिए रोजाना का अपडाउन करते हैं। उन्होंने कहा कि, इस समय महाराष्ट्र में कोरोना बेकाबू स्थिति की ओर बढ़ रहा है। ऐसे में हम सीमावर्ती इलाकों से उसके प्रवेश में जितनी साधानी बरतेंगे, प्रदेशवासियों के लिये उतना फायदेमंद होगा इसी के चलते सीमावर्ती जिलों के लिये सावधानी बरतने से संबंधित निर्देश दिए गए हैं। वहीं, महाराष्ट्र से यात्री वाहन के आने-जाने पर रोक है और फिलहाल, हां किसी तरह के सामाजिक और धार्मिक आयोजन भी प्रतिबंधित किये गए हैं।
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आंगनबाड़ी में रहेगी ठहरने की व्यवस्था
पंचायतें यह सुनिश्चित करेंगी कि अन्य प्रदेशों से गांव लौटने वाले नागरिकों की पूरी जानकारी रजिस्टर में दर्ज हो और उनकी जांच भी कराई जाए। बाहर से आए व्यक्ति के स्कूल या आंगनबाड़ी भवन में ठहरने की व्यवस्था की जाए। यहां बिस्तर, बर्तन, खाना, तौलिया, साबुन, पानी आदि का इंतजाम रहे।
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