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भोपाल

लॉकडाउन में गड़बड़ाया जीएसटी रिटर्न, पहले नंबर पर रहने वाला राज्य पहुंचा 31वें पायदान पर

जीएसटीः लॉकडाउन के कारण 3.51 लाख में से 22 हजार लोग ही मार्च का रिटर्न फाइल कर पाए

भोपालMay 04, 2020 / 04:07 pm

Manish Gite

GST: बोगस बिलिंग का पर्दाफाश, एक गिरफ्तार

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मोहन सिंह राजपूत
भोपाल। लॉकडाउन के कारण जीएसटी रिटर्न फाइल करने में भी देरी हो रही है। मध्यप्रदेश इस मामले में बहुत पिछड़ गया है। रिटर्न के मामले में कभी पहले-दूसरे नंबर पर रहने वाला मध्यप्रदेश अब 31वें नंबर पर आ गया है। प्रदेश में कुल 351000 व्यापारियों को मार्च की अपनी जीएसटीआर-3बी रिटर्न फाइल करनी थी। इसमें से कुल 22000 लोगों ने ही रिटर्न फाइल किया। इस तरह कुल राष्ट्रीय 7.81 प्रतिशत की तुलना में मध्यप्रदेश का प्रतिशत 6.35 रहा।

बड़े राज्य भी पीछे
जानकारों के मुताबिक जीएसटीआर 3बी रिटर्न फाइल करने में महाराष्ट्र गुजरात, पंजाब, राजस्थान जैसे अन्य बड़े राज्य भी मध्यप्रदेश से नीचे है। रिटर्न फाइल करने वालों की सूची में मिजोरम पहले नंबर पर है। अर्थात जिन राज्यों में कोरोना वायरस का असर कम है, वहां रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या ज्यादा है। यानी वहां जीएसटी कानून का पालन ठीक ढंग से हो रहा है।

 

 

लेट फीस और ब्याज में राहत
विशेषज्ञों के मुताबिक जीएसटी अधिनियम के अंतर्गत जीएसटीआर 3 बी समय से फाइल नहीं करने पर 20 या 50 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से लेट फीस लगाने का प्रावधान है तथा टैक्स के भुगतान में विलंब होने पर 18 प्रतिशत प्रतिवर्ष के मुताबिक ब्याज की गणना की जाती है, किन्तु फरवरी, मार्च और अप्रैल के लिए इन प्रावधानों को छूट दी गई है। ऐसे व्यापारी जिनका टर्नओवर विगत वित्ती वर्ष में पांच करोड़ रुपए से अधिक है, यदि वे अपना 3बी, 24 जून 2020 के पहले फाइल कर देते हैं तो उन्हें किसी प्रकार की लेट फीस देने की बाध्यता नहीं होगी। इसी प्रकार पांच करोड़ से अधिक टर्न ओवर वाले व्यापारियों को ब्याज में भी राहत दी गई है। टैक्स का भुगतान करने में नियत तिथित से अगर 15 दिन से अधिक का विलंब होता है तो किसी प्रकार का ब्याज नहीं लिया जाएगा। यदि 15 दिन से अधिक लगते हैं तो ब्याज की गणना 18 प्रतिशत के आधार पर न करते हुए केवल 9 प्रतिशत की दरसे की जाएगी। यहब्याज की गणना 16वें दिन से शुरू की जाएगी। इसी प्रकार ऐसे व्यापारी जिनका विगत वित्तीय वर्ष में टर्न ओवर पांच करोड़ से कम है, यदि वे एक निर्धारित तिथि के पहले अपनी जीएसटीआर 3 बी फाइल कर देते हैं, तो उनसे ककिसी प्रकार की ब्याज की राशि तथा लेट फीस नहीं वसूल की जाएगी।

 

देश का प्रतिशत भी कमजोर
पूरे भारत में करीब एक करोड़ 4 लाख टैक्सपैयर्स को मार्च के लिए जीएसटीआर 3बी फाइल करने की बाध्यता थी, किन्तु नियत तिथि तक केवल 8,14000 लोगों ने रिटर्न फाइल किया। भारत का आंकड़ा 7.81 प्रतिशत का है जो कि जीएसटी लागू होने से अभी तक का सबसे कम है। इसका कारण सरकार द्वारा लेट फीस एवं ब्याज में दी गई छूट को माना जा रहा है।

 

टैक्स पेयर को छूट
राज्य का टैक्स पेयर बहुत ही को-आपरेटिव है। समय से पहले ही अपना रिटर्न फाइल करते हैं, लेकिन कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन से उन्हें थोड़ी दिक्कतें आ रही हैं। हालांकि इसके लिए सरकार ने टैक्स पेयर को छूट दी है।
-राघवेंद्र सिंह, कमिश्नर, वाणिज्यिक कर विभाग

 

लॉकडाउन से देरी
जीएसटीआर 3बी रिटर्न फाइल करने में इस बार लॉकडाउन से देरी हुई है। हालांकि जहां असर कम है, वहां रिटर्न भरने में तेजी रही। आगे इस काम में तेजी आएगी।
-नवनीत गर्ग, चार्टर्ड एकाउंटेंट

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