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भोपाल

कोरोना संकट, ट्रेजरी से ही कर्मचारियों के वेतन से कट जाएगी राशि

वित्त विभाग ने तय किया है कि कर्मचारियों के वेतन से कटौती ट्रेजरी से ही काट ली जाएगी। इस संबंध में आयुक्त कोष एवं लेखा ने सभी कोषालयों को निर्देश जारी कर दिए हैं।

भोपालApr 04, 2020 / 11:03 pm

दीपेश अवस्थी

कोरोना संकट, ट्रेजरी से ही कर्मचारियों के वेतन से कट जाएगी राशि

कोरोना संकट, ट्रेजरी से ही कर्मचारियों के वेतन से कट जाएगी राशि

भोपाल। कोरोना संकट से निपटने के सरकार को विभिन्न संगठन, आमजन अपने-अपने स्तर पर आर्थिक सहयोग कर रहे हैं, वहीं राज्य कर्मचारियों ने भी एक-एक दिन का वेतन देने का निर्णय लिया है। ऐसे में वित्त विभाग ने तय किया है कि कर्मचारियों के वेतन से कटौती ट्रेजरी से ही काट ली जाएगी।
इस संबंध में आयुक्त कोष एवं लेखा ने सभी कोषालयों को निर्देश जारी कर दिए हैं। निर्देश में कहा गया है कि यह राशि ऑनलाइन सिस्टम से ही काट ली जाए। मुख्यमंत्री राहत कोष में आईएफएमआईएस राशि जमा करने की सुविधा है, इसलिए यह राशि सीधे इसी माध्यम से राहत कोष में पहुंच जाएगी।
नहीं मिलेगा बढ़ा हुआ डीए —

आर्थिक संकट के चलते हुए राज्य सरकार ने कर्मचारियों का घोषित किया गया 5 प्रतिशत महंगाई भत्ता (डीए) स्थगित कर दिया है। इसी प्रकार पंचायत सचिवों के डीए पर भी रोक लगा दी गई है। इससे राज्य के साढ़े पांच लाख कर्मचारियों को सीधे तौर पर नुकसान होगा।
कमलनाथ सरकार ने राज्य के कर्मचारियों को जुलाई 2019 से पांच प्रतिशत महंगाई भत्ता स्वीकृत किया था। इस संबंध में जारी आदेश के तहत उन्हें अप्रेल से नगद भुगतान और शेष पिछले माह का उन्हें एरियर मिलना था। यानी उन्हें अप्रेल माह के वेतन के साथ इसका लाभ मिलना था, लेकिन सरकार ने अचानक यह आदेश स्थगित कर दिया। इससे प्रत्येक कर्मचारी को एक हजार से लेकर 6 हजार रुपए प्रतिमाह का नुकसान होगा।
कर्मचारियों में नाराजगी —
सरकार के इस निर्णय से राज्य के कर्मचारियों को तगड़ा झटका लगा है। इससे कर्मचारियों में नाराजगी भी बढ़ी है। कर्मचारियों का कहना है कि कोरोना संकट के कारण वे सरकार के कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं। एक दिन का वेतन देने का एलान वे पहले से ही कर चुके हैं। ऐसे में कर्मचारियों को भरोसे में लिए बिना महंगाई भत्ते का आदेश निरस्त किया जाना उचित नहीं है। सरकार ने पेंशनर्स के डीए के आदेश जारी नहीं किए थे।
सरकार को 250 करोड़ प्रतिमाह की बचत –
कर्मचारियों का डीए रोक दिए जाने के सरकार को प्रतिमाह 250 रुपए करोड़ रुपए की बचत होगी। जबकि 8 माह का एरियर का हिसाब लगाया जाए तो इससे सरकार के 2 हजार करोड़ रुपए बचेंगे।
डीए में केन्द्रीय कर्मचारियों से पिछड़े –
मध्यप्रदेश् के कर्मचारी डीए के मामले में केन्द्रीय कर्मचारियों की तुलना में चार प्रतिशत पीछे थे, क्योंकि केन्द्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को हाल ही में चार प्रतिशत डीए दिया है। कर्मचारी उम्मीद कर रहे थे कि उन्हें यह चार प्रतिशत डीए मिल जाने से वे केन्द्रीय कर्मचारियों के समान हो जाएंगे लेकिन उन्हें यह डीए मिलना तो दूर पांच प्रतिशत और काट लिया गया। इससे वे केन्द्रीय कर्मचारियों की तुलना में 9 प्रतिशत पीछे हो गए हैं। मालूम हो राज्य कर्मचारियों को 12 प्रतिशत और केन्द्रीय कर्मचारियों को 21 प्रतिशत डीए मिल रहा है।
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