बात मध्य प्रदेश की करें तो जबलपुर में कोरोना के दो नए केस सामने आए हैं। इसके साथ ही राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 29 हो चुकी है। इनमें इंदौर में 13, जबलपुर में 8, शिवपुरी में 2, भोपाल में 3, ग्लालियर में 3, उज्जैन में 2 मामले शामिल हैं। मध्य प्रदेश में कोरोना पीड़ित दो लोगों की मौत हो चुकी है।
भारतीय आयुर्विज्ञान शोध परिषद (ICMR) के अनुसार भारत में अभी कोरोना संक्रमण दूसरे स्टेज में है, लेकिन कम्यूनिटी ट्रांसमिशन यानी सामुदायिक प्रसार बढ़ा तो इसे संभालना चुनौती भरा हो जाएगा। अन्य देशों की तरह इसको फैलने से रोकना है। यहीं कारण है कि विदेश से भारत लौटे सभी लोगों का क्वारंटीन और देश में रह रहे लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग यानी सामाजिक दूरी बनाए रखने की अपील की गई है।
इन सब के बीच भारत में जो स्थिति है, उसको लेकर अमेरिका की एक बड़ी यूनिवर्सिटी ने अहम रिपोर्ट दी है। ये रिपोर्ट बताती है कि भारत के लिए आने वाला समय चुनौती भरा हो सकता है। साथ ही इस चुनौतीपूर्ण समय से निबटने के उपाय भी बताए गए हैं।
अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी और सेंटर फॉर डिजीज डायनेमिक्स, इकोनॉमिक्स एंड पॉलिसी (CDDEP) की ओर एक रिपोर्ट जारी की गई है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कोरोना वायरस भारत को अगले चार महीने बहुत ज्यादा परेशानी दे सकता है। इस रिपोर्ट में कोरोना से निबटने को उपाय भी बताए गए हैं। भारत की अधिकारिक वेबसाइटों से लिए गए आंकड़ों के आधार पर ये रिपोर्ट तैयार की गई है।
बताया गया है कि भारत में जुलाई अंत से लेकर अगस्त के मध्य तक विषम परिस्तिथियां खत्म हो सकती है। रिपोर्ट में पांच राज्यों के ग्राफ के माध्यम से यह दिखाया गया है कि अप्रैल मध्य से लेकर मई मध्य तक बड़ी संख्या में लोग कोरोना से संक्रमित होकर अस्पतालों में भर्ती हो सकते हैं। लेकिन जुलाई मध्य के बाद यह संख्या कम होने लगेगी और अगस्त तक स्थिति नियंत्रण में होगी। रिपोर्ट के मुताबिक करीब 25 लाख लोग इस वायरस की चपेट में आकर अस्पताल पहुंच सकते हैं।
बताया गया है कि भारत में चल रही जांच भी धीमी है। ज्यादा से ज्यादा लोगों की जांच होने पर भी सही आंकड़ा पता चल पाएगा। जितना लंबा लॉकडाउन होगा उतने ही ज्यादा लोग संक्रमण से बचे रहेंगे। तापमान और उमस बढ़ने पर कोरोना के संक्रमण पर थोड़ा असर होगा। रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि भारत में लगभग 10 लाख वेंटीलेटरों की जरूरत पड़ सकती है, जबकि वर्तमान में इसकी उपलब्धता 30 से 50 हजार ही हैं।
यहां पर अस्पताल हैं लेकिन वहां आईसीयू, ऑक्सीजन मास्क व सिलेंडर की कमी है। यह स्थिति परेशानी बढ़ाने वाली है। स्टडी के मुताबिक कुछ राज्यों में अभी कोरोना संक्रमण के मामले कम दिख रहे हैं, जो कि लॉकडाउन हटने के बाद के हफ्तों में बढ़ सकते हैं। आने वाले दिनों में भारत को भी अन्य देशों की तरह अस्थाई अस्पताल बनाने पड़ सकते हैं।