गेंहू उपार्जन को देखते हुए जिले में गोदाम खाली करने के लिए मार्च माह में ही राशन उपभोक्ताओं को दो-दो माह का राशन बांटा था। इसी बीच कोरोना ने पांव पसार लिए, सरकार ने इसके लिए कोरोना कोटे से 10 हजार क्विंटल राशन का आवंटन किया था। इस कोटे में ही मिलीभगत से सेंध लगाकर गरीबों के हक पर डाका डाला गया। खाद्य विभाग के अफसरों ने कुछ नेताओं के इशारे पर मनमाना आवंटन करते हुए कुछ दुकानों को एक हजार से लेकर पांच सौ क्विंटल तक राशन आवंटित किया। तो कई दुकानें ऐसी भी रहीं जहां सिर्फ 5 से दस क्विंटल राशन ही दिया गया है। जिले में सबसे ज्यादा राशन का आवंटन नरेला की 003 और हाउसिंग बोर्ड चौराहा स्थित दुकान नंबर 82 को दिया गया है। जबकि यहां राशन न बंटने की शिकायतें ज्यादा आईं हैं। इस मामले में अंदर ही अंदर जांच शुरू कर दी गई है। एडीएम कार्यालय में राशन से लेकर कोरोना के दौरान हुए एक-एक खर्चे को टीमें जानकारी जुटा रही हैं। ऐसी ही जांच में ये फर्जीवाड़ा भी सामने आ रहा है। अगर ऐसा हुआ तो इसमें खाद्य विभाग के कुछ अफसर भी नप सकते हैं।
– इन दुकानों में चल रही गड़बड़ी की जांच
दुकान नंबर विस गेहूं चावल नमक
003 नरेला 1053.48 234.11 234.11
082 नरेला 543.73 120.83 120.83
238 उत्तर 621.56 102.38 102.38
44 नरेला 237.88 52.86 52.86
214 मध्य 133.19 24.83 24.83
218 उत्तर 133.19 21.94 21.94
43 नरेला 24.59 5.46 5.46
64 मध्य 79.91 14.90 14.90
240 दक्षिण पश्चिम 108.42 21.11 21.11
241 उत्तर 88.79 14.63 14.63
– हमनें तो एसडीएम की मंजूरी पर बांटा राशन
हमनें जो भी राशन बांटा है उसमें संबंधित क्षेत्र के एसडीएम की तरफ से मंजूरी के बाद बांटा है। नरेला में ज्यादा गरीब थे, इस कारण वहां ज्यादा राशन बांटा है। हमारे पास भी शिकायत आई थी, जिसकी जांच कराई है।
ज्योति शाह नरवरिया, जिला आपूर्ति नियंत्रक