script10 सालों का रिकॉर्ड टूटा, बेहद खतरनाक हुआ डेंगू का डंक, तीन वायरस कर रहे अटैक | dengue malaria symptoms precautions and treatment | Patrika News
भोपाल

10 सालों का रिकॉर्ड टूटा, बेहद खतरनाक हुआ डेंगू का डंक, तीन वायरस कर रहे अटैक

दस साल में पहली बार डेंगू के मरीज एक हजार के पार…

भोपालNov 23, 2017 / 12:23 pm

Ashtha Awasthi

dengue malaria

dengue malaria

भोपाल। डेंगू और चिकिनगुनिया बेकाबू हो गया है। शहर में डेंगू ने एक हजार लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है। वहीं,चिकनगुनिया ने भी पांच सौ लोगों को जकड़ लिया। यह संख्या बीते 10 सालों में सबसे ज्यादा है। इसका सबसे बड़ा कारण डेंगू के एक से ज्यादा वायरस का एक्टिव होना है। एक रिपोर्ट के मुताबिक डेंगू के चार में से तीन वायरस एक्टिव हैं। एम्स की रिपोर्ट के मुताबिक डेंगू का सीरोटाइप-2, 3 और 4 एक्टिव है। इनमें से 2 और 4 टाइप खतरनाक माने जाते हैं। बीते दिनों नौ संदिग्ध सैंपल की जांच की गई, जिसमें से छह सैंपल पॉजिटिव आए, इसमें चार सैंपल में डेंगू टाइप-2 पाया गया, जबकि दो सैंपल में टाइप-4 पाया गया। पिछले दो साल से शहर में डेंगू टाइप-2 ही देखा जा रहा है। डॉक्टर्स के अनुसार, डेंगू टाइप-2 सबसे खतरनाक है।
लक्षण मिल रहे, लेकिन रिपोर्ट निगेटिव

किसी भी बीमारी का उपचार टेस्ट रिपोर्ट के आधार पर ही होता है लेकिन इस बार डेंगू का मिजाज कुछ अलग है। ज्यादातर मरीजों को डेंगू के लक्षण हैं, लेकिन ब्लड टेस्ट में रिपोर्ट निगेटिव आ रही है। इससे डॉक्टर्स भी परेशान हैं। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के उप संचालक डॉ. हिमांशु ने बताया कि कई बार डेंगू के साथ वायरल और चिकनगुनिया के लक्षण भी मरीज में आ जाते हैं, लेकिन ब्लड रिपोर्ट निगेटिव आई आती है। आज से तीन-चार साल पहले सिर्फ डेन वन सक्रिय था, लेकिन डेंगू के तीन टाइप सक्रिय होने से मरीजों में लक्षण आम हो गए हैं।
एंटीबायोटिक नहीं सिर्फ बचाव

मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. आदर्श वाजपेयी बताते हैं कि डेंगू चार किस्म का होता है और वायरस के संक्रमण से फैलता है। डेंगू में तेज बुखार के साथ नाक बहना, खांसी, आखों में दर्द, जोड़ों के दर्द और त्वचा पर हल्के रैश हो जाते हैं। हालांकि कुछ लोगों में लाल और सफेद निशान के साथ पेट खराब, जी मिचलाना और उल्टी जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं। यह वायरस से फैलने वाली बीमारी है, इसलिए इसकी कोई दवा या एंटीबायोटिक नहीं है। इसकी रोकथाम इसके लक्ष्णों का इलाज करके ही किया जाता है।
– मच्छरों के छुपने की जगह हटाएं

– बारिश का पानी निकालने वाली नालियों, पुराने टायरों, बाल्टियों, प्लास्टिक कवर, खिलौनों और अन्य जगह पर पानी रुकने नही देना चाहिए।

– फव्वारों, पक्षियों के बर्तनों, पौधों वाली ट्रे का पानी हफ्ते में एकबार बदलना जरूरी है।
– स्विमिंग पूल का पानी बदलते रहना चाहिए।

– अस्थायी पूल को खाली कर देना चाहिए या उसे मिट्टी से भर देना चाहिए।

– दीवारों, दरवाजों और खिड़कियों की दरारों को भर देना चाहिए।
– मच्छरदानी का इस्तेमाल करना अच्छा रहेगा।

– लंबी बाजू की शर्ट, पैंट और मोजे पहनकर रहना चाहिए।

Home / Bhopal / 10 सालों का रिकॉर्ड टूटा, बेहद खतरनाक हुआ डेंगू का डंक, तीन वायरस कर रहे अटैक

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो