scriptबांध टूटने से मची तबाही, चारों ओर बर्बादी, फसलें चौपट हुईं, पेड़-बिजली के पोल गिरे | Destruction in the area due to the breakdown of Karam Dam | Patrika News
भोपाल

बांध टूटने से मची तबाही, चारों ओर बर्बादी, फसलें चौपट हुईं, पेड़-बिजली के पोल गिरे

ग्रामीण ने बताए इलाके के हाल

भोपालAug 15, 2022 / 09:36 pm

deepak deewan

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ग्रामीण ने बताए इलाके के हाल

भोपाल. धार जिले के भारुड़पुरा और कोठिदा गांव के बीच कारम नदी पर बना डैम टूटने से इलाके में तबाही की तस्वीरें है. हालांकि प्रशासन ने बांध को पूरी तरह धंसकने के पहले ही खाली करा दिया था लेकिन इससे खासी बर्बादी हुई है। 305 करोड़ की लागत से खड़े किए जा रहे डैम को शनिवार रात राज्य सरकार ने ही तोड़ने का निर्णय लिया था। जेसीबी ने डैम की वॉल पर छोटा सा कट लगाया लेकिन उफन रहे डैम के पानी ने ऐसी राह बनाई कि धार और खरगोन जिलों के 18 गांवों में हड़कंप मच गया. बांध खाली हो जाने के बाद अब जब ग्रामीण अपने गांव और घर पहुंच रहे हैं तब वहां की बर्बादी की दास्तान सामने आ रही है.

रविवार शाम डैम की वॉल के एक सिरे की दीवार ढह गई थी और पानी गांवों की ओर तेजी से बढ़ा। रास्ते में आए पेड़ों, बिजली के पोल और खेतों में खड़ी फसलों को तहस-नहस करता हुआ पानी कारम नदी से होता हुआ नर्मदा नदी में समा गया था। इससे बड़वी, कांकरिया और नयापुरा आदि गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. इन गांवों में फसल पूरी तरह चौपट हो चुकी है. बड़वी के ग्रामीणों ने बताया कि डैम के लीकेज होने की सूचना के तुरंत बाद गांव में अनाउंसमेंट हुआ। पुलिस आई और तत्काल पूरे गांव को खाली करने को कहा गया। हम सब काफी डरे हुए थे और कुछ ग्रामीण राहत कैंप में चले गए तो कुछ लोग ऊंची पहाड़ी पर। हम भी सबकुछ घर पर ही छोड़कर ऊंचे स्थान पर अपने परिवार समेत भागे। दो दिनों तक तो कुछ सुनने या सोचने का विचार ही नहीं आया था। रविवार शाम पता चला कि पानी गांव में घुस गया है। देर रात 11 बजे बताया गया कि खतरा टल गया है और आप अपने घर जा सकते हैं। जब हम परिवार समेत लौटे तो पूरा घर पानी-पानी हो चुका था। सब सामान गीला हो चुका है। घर करीब 5 घंटे तक पानी में घिरा रहा जिससे सबकुछ बर्बाद हो गया।

ग्रामीणों ने बताया कि नदी में बाढ़ आने से खेत में खड़ी फसल तहस-नहस हो गई है। गांव से गुजरी कारम नदी पर एक ब्रिज बना है पर पानी यह भी डूब गया था। घंटों बाद यहां से आवागमन शुरू हुआ। कुछ अन्य लोग कहते हैं कि नदी ने विकराल रूप ले लिया था। नदी का पानी तेजी से गांव की ओर बढ़ रहा था। हम ऊपर से सब देख रहे थे। खेतों में खड़ी फसल को तबाह करता हुआ पानी गांव तक पहुंचा और हमारे घरों में घुस गया। घर में रखे राशन, कपडे-बिस्तर समेत पूरा सामान गीला हो गया है। बाढ़ आने से खेत में खड़ी फसल खराब हो गई। अब खाने की िंचंता लग गई है.

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