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भोपाल

सडक़ जर्जर होने से आना-जाना मुश्किल

पिपलिया कुंजनगढ़ पुरानी बस्ती के हाल-बेहाल, रहवासी परेशानभोपाल नगर निगम के वार्ड 85 पिपलिया कुंजनगढ़ पुरानी बस्ती के लोग मूलभूत सुविधाओं तक को मोहताज हैं। यहां न चलने लायक सडक़ है न ही स्ट्रीट लाइट जलती है। पानी निकासी के लिए नाली नहीं होने से लोगों के घरों से निकलने वाला गंदा पानी और सीवेज सडक़ पर बहता है। इसके बीच से ही लोग आवाजाही करते हैं और कीचड़ और गंदगी घरों तक लेकर जाते हैं।

भोपालDec 01, 2023 / 07:45 pm

Rohit verma

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ग्रामीणों का कहना है कि शमशान घाट और कब्रिस्तान तक पहुंचने तक के लिए रास्ता नहीं है। कच्चे रास्ते से कीचड़ के बीच से निकल कर अपनों को अंतिम विदाई देने जाना पड़ता है। ग्रामीणों ने बताया कि हमारा गांव बीते 10 सालों से नगर निगम के वार्ड 85 में है। इसके बाद भी हम लोगों को नगर निगम की ओर से कोई सुविधा नहीं मिल पा रही है। यहां न तो कभी कोई नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारी आते हैं न ही क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि।
गांव से मुख्य हाइवे को जाने के रास्ते पर कब्जा
पिपलिया कुंजनगढ़ के ग्रामीणों ने बताया कि गांव से मुख्य हाइवे तक जाने के लिए सरकारी रास्ता था, जिस पर गांव के ही कुछ लोगों ने कब्जा कर रखा है। इससे हम लोगों को बंगरसिया होकर लंबी दूरी तय कर चिकलोद, ग्यारह मील, मंडीदीप, भोपाल आदि जगहों के लिए आना-जाना करना पड़ता है।
शाम होते ही गांव में छा जाता है अंधेरा,हादसे की आशंका
बता दें कि पिपलिया कुंजनगढ़ गांव में स्ट्रीट लाइट नहीं होने से शाम होते ही अंधेरा छा जाता है। ऐसे में ग्रामीणों को बाहर से अपने घरों तक पहुंचने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। रहवासियों का कहना है कि इस संबंध में कई बार जिम्मेदारों को अवगत करा चुके हैं, इसके बाद भी अब तक इस ओर ध्यान नहीं दिया गया।
न कचरा उठता न ही सफाईकर्मी आते हैं
ग्रामीणों ने बताया कि गांव नगर निगम में होने के बाद भी यहां के रहवासियों को गांवों जैसी भी सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। यहां कचरा गाड़ी और सफाईकर्मी नहीं आने से लोग घरों से निकलने वाला कचरा जहां-तहां फेंक देते हैं, जिससे गांव की ओर आने वाली सडक़ के दोनों ओर कचरे का ढेर लगा हुआ है।
श्मशान घाट तक पहुंचना भी मुश्किल
अपनों के अंतिम संस्कार के लिए शमशान घाट तक पहुंचना मुश्किल भरा है। यहां कच्चा रास्ता होने से गंदा पानी सीवेज और कीचड़ भरे रास्ते के बीच से शमशान तक पहुंचना पड़ता है। गांव 10 पहले नगर निगम सीमा में आ चुका है, इसके बाद भी आज यहां नगर निगम का कोई अधिकारी देखने नहीं आया।
बीते 10 वर्षों से नगर निगम में शामिल होने के बाद भी हम लोगों को गांव जैसी ही सुविधा मिल रही है। यहां न तो कचरा गाड़ी आती है और न ही साफ-सफाई के लिए सफाईकर्मी आते हैं। सडक़ बदहाल होने से चलना मुश्किल होता है। हम लोगों को आवाजाही करने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कोई सुध नहीं ले रहा। मांगीलाल मीना, रहवासी पिपलिया कुंजनगढ़ पुरानी बस्ती
गांव में सडक़ किनारे नाली नहीं होने से घरों से निकलने वाला गंदा पानी और सीवेज सडक़ पर बहता है। इसी के बीच से हम लोगों को घरों तक पहुंचना होता है। सडक़ जर्जर होने और स्ट्रीट लाइट नहीं जलने से रात के अंधेरे में दुघर्टना का डर बना रहता है। भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शेख अल्लताफ, रहवासी पिपलिया कुंजनगढ़ पुरानी बस्ती
गांव के शमशान और कब्रिस्तान तक पहुंचना मुश्किल होता है। अपनों के अंतिम संस्कार में भी बाधा आती है। यहां पहुंचने के लिए सडक़ नहीं है। आने-जाने वाले रास्ते पर लोगों ने कब्जा कर रखा है। कुछ दूर तक ऊबड़- खाबड़ और कीचड़ भरे रास्तों से जैसे तैसे निकलते हैं। बारिश के दिनोंं में यह समस्या और ज्यादा बढ़ जाती है। मुनव्वर मियां, रहवासी पिपलिया कुंजनगढ़ पुरानी बस्ती
गांव से मुख्य मार्ग 11 मील चिकलोद को जाने वाले रास्ते पर लोगों ने कब्जा कर खेती करना शुरू कर दिया है। ऐसे में हम लोगों कों बंगरसिया होकर मंडीदीप, ग्यारह मील, भोपाल आना-जाना पड़ता है। गांव में सडक़ नहीं होने से चलना मुश्किल है। यहंा स्ट्रीट लाइट नहीं जलने से रात के अंधेरे में आवागमन में भारी परेशानी होती है। दुलारे मियां, रहवासी पिपलिया कुंजनगढ़ पुरानी बस्ती

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