
smoking side effects: धूम्रपान करना सेहत के लिए हानिकारक होता है ये चेतावनी तो सभी जानते हैं लेकिन इसके बावजूद कई धूम्रपान करने वाले लोगों की संख्या काफी ज्यादा है। अगर आप भी रोजाना यदि 20 सिगरेट पीते हैं या ऐसे लोगों के नजदीक रहते हैं तो आपको लंग्स सिटी स्कैन जांच जरूर करानी चाहिए। जिससे फेफड़ों के कैंसर समेत अन्य संबंधित रोग की जल्द पहचान हो सके। समस्या बढ़ने पर यह मौत का कारण बनता है।
यह बातें मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के AIIMS के मेडिकल ऑन्कोलॉजी एवं हेमेटोलॉजी विभाग की डॉ आकांक्षा चौधरी ने कहीं हैं। वे मुंबई में फेफड़ों के कैंसर पर आयोजित 7वीं मास्टर क्लास में मेनेजमेंट ऑफ एक्सटेंसिव डिजीज पर व्याख्यान दे रहीं थी।
डॉ. आकांक्षा चौधरी ने अपने व्याख्यान में बताया कि हेवी स्मोकर (दिन में एक पैक सिगरेट पीने वालों) में स्मॉल सेल लंग कैंसर होने की संभावना अधिक रहती है। जो कुल फेफड़ों के कैंसर से ग्रसित रोगियों में से 15 फीसदी में देखने को मिल रहा है। यह नॉन स्मॉल सेल लंग कैंसर से ज्यादा घातक होता है। डॉ. चौधरी के अनुसार स्मॉल सेल लंग कैंसर और नॉन स्मॉल सेल लंग कैंसर फेफड़े के कैंसर के दो मुख्य प्रकार हैं। जिसमें स्मॉल सेल लंग कैंसर अधिक तेजी से फैलता है। साथ ही यह अधिक आक्रामक भी होता है। देरी से इसकी पहचान होने पर यह जानलेवा हो सता है। भारत में यह वयस्कों में कैंसर का चौथा सबसे आम रूप है। साथ ही कैंसर से होने वाली मौतों के मामले में भी चौथे नंबर पर है।
स्मॉल सेल लंग कैंसर के लक्षणों की बात की जाए तो खांसी, सांस फूलना और बलगम में खून आना इसके प्रमुख लक्षण हैं। डॉ. आकांक्षा चौधरी ने बताया कि स्मॉल सेल लंग कैंसर का मुख्य कारण सिगरेट, बीड़ी, हुक्का समेत अन्य धूम्रपान हैं। इसके अलावा इसके लिए प्रदूषण भी जिम्मेदार है। इस रोग की सबसे बड़ी समस्या यह है कि शुरुआती दौर में इसका पता नहीं चलता है। जब समस्या बिगड़ती है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।
Updated on:
27 Jul 2024 11:57 am
Published on:
26 Jul 2024 09:56 pm
बड़ी खबरें
View Allभोपाल
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
