2500 सीआरपीएफ जवानों का कॉनवॉय जा रहा था और आने-जाने वाली गाड़ियों को सर्च क्यों नहीं किया गया? इतनी बड़ी घटना हो गई और क्या आईबी एवं रॉ को जानकारी नहीं मिल पाई? क्या यह इंटेलिजेंस फेल्योर नहीं है? क्या केंद्र सरकार इसकी जांच करेगी? क्या एनएसए की जिम्मेदारी नहीं है? क्या जेश-ए-मोहम्मद ने दो दिन पहले आत्मघाती धमाका करने की धमकी दी थी? यदि दी थी तो राज्य सरकार और केंद्र सरकार क्या करती रही? इस बारे में क्या मोदीजी कुछ प्रकाश डालेंगे?