इन्होंने की थी घोषणा
शहर की बेहतर एयर कनेक्टिविटी का सीधा असर बिजनेस मॉडल पर पड़ता है। भोपाल में चेंबर ऑफ कॉमर्स जैसे उद्योग समूह कई बार सरकार से एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने की मांग कर चुके हैं। 2016 में तत्कालीन एयरपोर्ट डायरेक्टर फ्लाइट लेफ्टिनेंट आकाशदीप माथुर ने पैसेंजर ग्रोथ प्लान बनाया था। कंपनियों को बताया गया कि उड़ानें बढ़ने से कॉरपोरेट एवं आइटी सेक्टर भी भोपाल में दस्तक देगा, जिसका लाभ कंपनियों को मिलेगा।
व्यापार में मिलता फायदा
इससे पहले स्पाइसजेट, गो एयर, एयर कोस्टा, स्टार एयर जैसी कंपनियों ने घोषणा की थी। एविएशन इंडस्ट्री के जानकारों की राय में बड़ी वजह सरकार द्वारा वायदों को पूरा नहीं करना है। 5 साल पहले कंपनियों की बैठक में सरकार ने कहा था कि उड़ान सेवा में नुकसान की भरपाई योजना के तहत की जाएगी। 5 साल में यह योजना कागजों से निकलकर बाहर नहीं आई जिसके चलते विमानन कंपनियों ने भी रुचि दिखाना बंद कर दिया।
आबिद फारुकी, संस्थापक सदस्य, एयर कनेक्टिविटी फॉर भोपाल डेवलपमेंट समूह का कहना है कि सरकार जब तक विमानन कंपनियों को योजनाओं का फायदा नहीं देगी तब तक कनेक्टिविटी बढ़ने की उम्मीद कम है। सर्वे रिपोर्ट हाल में एयरपोर्ट प्रबंधन को सौंपी है। कनेक्टिविटी के लिए विमानन कंपनियों को पर्याप्त एयर ट्रैफिक दिलाना भी चुनौती है।
फिलहाल इन शहरों तक सीधी उड़ान
भोपाल से वर्तमान में दिल्ली, मुंबई के अलावा बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्न्ई, रायपुर, अहमदाबाद, प्रयागराज, आगरा एवं पुणे तक सीधी उड़ान है। लखनऊ, गोवा, कोलकाता, बिलासपुर एवं अमृतसर तक सीधी उड़ानें शुरू करने की मांग की जा रही है लेकिन कब शुरू होंगी तय नहीं है। अलायंस एयर की बिलासपुर उड़ान का शेड्यूल भी जारी नहीं हो सका है। फ्लायबिग भी जैसे तैसे उड़ान संचालित कर पा रहा है।