20 मिनट में ढाई एकड़ खेती में करता है छिड़काव
राजधानी और उसके आस-पास खेती करने के तौर तरीकों में बदलाव आ रहा है। अब इस बदलाव को स्व सहायता समूहों तक ले जाया जाएगा। जिससे उनकी आय तो बढ़ेगी ही, किसान सस्ते में ड्रोन से अपने खेत में कीटनाशक और यूरिया डलवा सकेंगे। अभी ये काम निजी कंपनी के पास है, जो मनमानी दर पर खेतों में यूरिया और कीटनाशकों का छिड़काव कर रहे हैं।
आसान होगी राह, दवा का मानक एक सा रहेगा
कृषि विभाग की उपसंचालक सुमन प्रसाद ने बताया कि एक मजदूर एक दिन में ढाई एकड़ खेत में कीटनाशक या यूरिया का छिड़काव कर पाता है। इसके लिए उसे 30 से 40 बार पंप भी भरना होता है। ऐसे में उसका मिश्रण का अनुपात भी कभी कभार गड़बड़ा जाता है। लेकिन ड्रोन से ये काम मात्र 20 मिनट में हो जाता है। राजधानी में 1.47 हेक्टेयर खेती का रकबा है इसमें सबसे ज्यादा 1.42 लाख हेक्टेयर में गेहूं होता है। इसके बाद जौ, चना, मसूर, मटर, सरसों और अलसी की फसल होती है। इसमें ड्रोन से दवा और कीटनाशकों का छिड़काव करने से समय और दवा की क्वांटिटी भी सही रहेगी।
वर्जन
खेती में ड्रोन का उपयोग कर स्व सहायता समूहों की आय बढ़ाई जाएगी। इसका लाभ किसानों को काफी मिलेगा। ये प्रक्रिया जल्द ही शुरू हो जाएगी।
आशीष सिंह, कलेक्टर