इस दिन अस्त्र-शस्त्र का पूजन और रावण दहन के बाद बड़ो के पैर छूकर आशीर्वाद लेने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। दशहरा ( Dussehra ) एक ऐसा त्यौहार है जिसे बुराई पर अच्छाई की जीत कहा जाता है। हर कोई साल के इस फेस्टिवल टाइम को पसंद करता है। इस दौरान शहर की चमक कुछ ऐसी होती है कि उसे नज़रअंदाज करना मुश्किल होता है।
ऐसे में भूख लगना भी स्वाभाविक है, वो भी तब जब नौ दिनों तक व्रत किया हो यानि नवरात्रि ( Navratra ) के ठीक अगले दिन का समय… लेकिन क्या आपको पता है कि दशहरे यानि विजयादशमी ( Dussehra 2019 ) के दिन खान-पान में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है। नौ दिनों तक शाकाहारी भोजन करने के बाद दशहरे के दिन लोग अधिक नॉनवेज खा लेते हैं। इसमें थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए।
इस बारे में जानकारों का कहना है कि इस दौरान आपके भोजन में कम मसाले का इस्तेमाल होना चाहिए। बहुत अधिक तला खाना आपके लिए परेशानी का कारण बन सकता है। दशहरे के दिन कई जगह लोग अमूमन पुआ व खीर खाते हैं।
डॉ. राजकुमार के अनुसार चुकिं हम नौ दिन के व्रत के बाद अब पुन: भोजन करना शुरू करते हैं। अत: ऐसे में पेट गरिष्ठ भोजन के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं होता है,जिससे पाचन की क्रिया प्रभावित होती है। ऐसे में हमें पहले ही दिन ज्यादा तले भूने भोजन से बचना चाहिए। ऐसा नहीं है कि आप मालपुए जैसी चीजें नहीं खाएं,लेकिन एक निश्चित सीमा में और अच्छे तेल व घी में पकी चीजें ही लें।
MUST READ : नवरात्रि व्रत के दौरान खाने में इन स्वास्थ्यवर्धक चीजों का करें उपयोग, नहीं टूटेगा आपका उपवास वहीं खीर में चीनी की मात्रा कम होनी चाहिए। जहां तक हो सके तो खीर में बिना मलाईवाले दूध का इस्तेमाल करें। क्योंकि इन चीजों में वसा (फैट) की मात्रा अधिक होती है। जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होता है। साथ ही हृदय के लिए भी खतरनाक होता है।
यदि आप नॉन वेज हैं तो भी इस समय यह सब कम ही खाएं। दशहरा फूड – Dussehra special Food:- जहां तक हो सके मौसमी फल खाएं, जो आपके स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद रहेंगे। इनमें केला, सेब, अमरूद व अंगूर शामिल रखें।
1. कुरकुरे गुलगुले…
सामग्री : 250 ग्राम गेहूं का आटा, 70 ग्राम शकर, 1 चम्मच इलायची पावडर, 1 छोटी चम्मच खसखस, तलने के लिए तेल/घी। ऐसे बनाएं : सर्वप्रथम आटे में शकर डालकर उसका गाढ़ा घोल करके आधे घंटे के लिए रख दें। तत्पश्चात उसमें इलायची पावडर, खसखस के दाने डालकर मिश्रण को एकसार कर लें। एक कड़ाही में तेल गरम कर उसके गोल-गोल पकौड़े तल लें।
लीजिए तैयार हैं आपके क्रिस्पी मीठे गुलगुले। MUST READ : लाखों में भी नहीं करोड़ों में मिलते हैं ऐसे लोग, जिनको होता है ये… 2. चॉकलेट बर्फी…
सामग्री : खजूर 250 ग्राम, मावा 150 ग्राम, कोको पावडर व कॉर्नफ्लोर 1 टी स्पून, 2 टी स्पून घी, पिसी शकर 50 ग्राम, आधा कप दूध व पिस्ता कतरन सजाने के लिए…
बनाने की विधि : इसके तहत सबसे पहले खजूर की गुठली निकालकर दूध की सहायता से मिक्सी में पीसें। पेस्ट को घी में धीमी आंच पर गाढ़ा होने तक भूनें। मावे को भी भूनें। कॉर्नफ्लोर और कोको पावडर को दूध में घोलकर खजूर में मिलाएं।
इस मिश्रण को गैस पर चढ़ाकर शकर मिलाएं और लगातार तब तक चलाएं जब तक कि मिश्रण जमने लायक न हो जाए। चिकनाई लगी थाली में जमाकर पिस्ता कतरन से सजाएं और हल्का जमने पर चौकोर टुकड़ों में कांटें।
सामग्री : खजूर 250 ग्राम, मावा 150 ग्राम, कोको पावडर व कॉर्नफ्लोर 1 टी स्पून, 2 टी स्पून घी, पिसी शकर 50 ग्राम, आधा कप दूध व पिस्ता कतरन सजाने के लिए…
बनाने की विधि : इसके तहत सबसे पहले खजूर की गुठली निकालकर दूध की सहायता से मिक्सी में पीसें। पेस्ट को घी में धीमी आंच पर गाढ़ा होने तक भूनें। मावे को भी भूनें। कॉर्नफ्लोर और कोको पावडर को दूध में घोलकर खजूर में मिलाएं।
इस मिश्रण को गैस पर चढ़ाकर शकर मिलाएं और लगातार तब तक चलाएं जब तक कि मिश्रण जमने लायक न हो जाए। चिकनाई लगी थाली में जमाकर पिस्ता कतरन से सजाएं और हल्का जमने पर चौकोर टुकड़ों में कांटें।
MUST READ : दुनिया की सबसे ताकतवर सब्जी! इस समय यहां मिलती है 3. खाने में मूंग दाल कढ़ी… सामग्री : इसके लिए बिना छिलके वाली मूंग दाल- 1/आधा कप, दही- 2 कप , हींग- चुटकी भर, जीरा- 1 चम्मच, मेथी दाना- 1 चम्मच, हल्दी पाउडर- आधा चम्मच, हरी मिर्च- 2, नमक- स्वादानुसार, धनिया पत्ती- 2 चम्मच, तेल- आवश्यकतानुसार, पानी- 2 कप…
बनाने की विधि: इसके लिए सबसे पहले आप मूंग दाल को तीन घंटे के लिए पानी में भिगोएं। फिर पानी निकालें और गाढ़ा पेस्ट बना लें। पेस्ट को दो हिस्सों में बांट दें। पेस्ट के एक हिस्से में नमक, बारीक कटी मिर्च और एक चम्मच धनिया पत्ती डालकर मिलाएं।
कढ़ाही में तेल गर्म करें और मूंग दाल की छोटी-छोटी पकौड़ियां तल लें। दो कप पानी, बचा हुआ मूंग दाल पेस्ट और दही को एक बाउल में डालकर अच्छी तरह से फेंट लें। पैन में एक चम्मच तेल गर्म करें। जीरा, मेथी और हींग डालकर एक मिनट पकाएं।
दही वाले घोल को पैन में डालें, नमक और हल्दी पाउडर डालकर मिलाएं। मध्यम आंच पर 15 से 20 मिनट तक पकाएं। बीच-बीच में चलाती रहें। अब पैन में तैयार पकौड़ा डालें और धीमी आंच पर 10 मिनट तक पकाएं। गैस ऑफ करें। धनिया पत्ती से सजा कर चावल के साथ सर्व करें।
4. पनीर चना मसाला… सामग्री : काबुली चना- 1 कप, पनीर- 250 ग्राम, बारीक कटा प्याज- 2, बारीक कटा टमाटर- 2, धनिया पाउडर- 1 चम्मच, जीरा पाउडर- 1 चम्मच, हल्दी पाउडर- आधा चम्मच, काली मिर्च पाउडर- 1 चम्मच, गरम मसाला पाउडर- आधा चम्मच, अदरक-लहसुन पेस्ट- 1 चम्मच, लाल मिर्च पाउडर- 1 चम्मच, अमचूर पाउडर- 1 चम्मच, जीरा- 1 चम्मच, नमक- स्वादानुसार, तेल- 2 चम्मच, पानी-1 कप, बारीक कटी धनिया पत्ती- 2 चम्मच
बनाने की विधि : इसके लिए आप काबुली चना को रात भर के लिए पानी में भिगो दें। सुबह आवश्यकतानुसार पानी के साथ काबुली चना को प्रेशर कुकर में डालकर तीन से चार सीटी लगाएं। गैस बंद करने के बाद काबुली चने को ठंडा होने दें। पैन में तेल गर्म करें और उसमें जीरा डालें। जब जीरा चटकने लगे तो पैन में प्याज डालें।
सुनहरा होने तक भूनें और उसमें अदरक-लहसुन पेस्ट डालें। दो से तीन मिनट तक भूनने के बाद पैन में टमाटर, नमक, हल्दी पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, जीरा पाउडर, धनिया पाउडर, अमचूर और काली मिर्च पाउडर डालें। पांच से छह मिनट तक पकाएं।
ब उबला हुआ काबुली चना डालकर मिलाएं। पनीर के टुकड़े और गरम मसाला पाउडर डालकर सावधानी से मिलाएं। धीमी आंच पर पांच मिनट और पकाएं। धनिया पत्ती से सजाकर पेश करें। दशहरा कब ( When is Dussehra 2019) है…
इन सब व्यंजनों के बारे में सुनने के बाद आपके मुंह में पानी आना लाजमी है। ऐसे में अगर ये सोच रहे हैं कि दशहरा कब ( When is Dussehra 2019) है, तो हम आपको बता दे कि इस साल दशहरा 08 अक्टूबर 2019, मंगलवार को मनाया जाएगा। यह प्रसिद्ध हिंदू—त्योहार है।
इन सब व्यंजनों के बारे में सुनने के बाद आपके मुंह में पानी आना लाजमी है। ऐसे में अगर ये सोच रहे हैं कि दशहरा कब ( When is Dussehra 2019) है, तो हम आपको बता दे कि इस साल दशहरा 08 अक्टूबर 2019, मंगलवार को मनाया जाएगा। यह प्रसिद्ध हिंदू—त्योहार है।
वहीं कई और बातों की तरह दशहरे के दिन पान का बीड़ा हनुमानजी को चढ़ाना और उसके बाद इसे खाने का अपना ही एक महत्व है। दशहरे के दिन पान का महत्व :- …
जानकारों की मानें तो पान को जीत का प्रतीक माना गया है। ऐसे में पान का ‘बीड़ा’ शब्द का एक महत्व यह भी है, इस दिन हम सही रास्ते पर चलने का ‘बीड़ा’ उठाते हैं। इसके अलावा पान प्रेम का पर्याय भी है।
दशहरे में रावण दहन के बाद पान का बीड़ा खाने की परम्परा भी है। ऐसा माना जाता है दशहरे के दिन पान खाकर लोग असत्य पर हुई सत्य की जीत की खुशी मनाते हैं। वहीं घर के बड़ों की मानें तो पान का पत्ता मान और सम्मान का प्रतीक है।
इसलिए हर शुभ कार्य में इसका उपयोग किया जाता है। नवरात्रि पूजन के दौरान भी मां को पान-सुपारी चढ़ाने का विधान है। इसी के साथ पान के पत्ते का उपयोग विवाह से लेकर कथा पाठ तक हर शुभ काम में किया जाता है।
बीमारियों से करता है रक्षा
जानकारों का यहां तक कहना है कि चुंकि शारदीय नवरात्रि के समय मौसम बदल रहा होता है। ऐसे में इस समय संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा सबसे ज्यादा होता है।
जानकारों का यहां तक कहना है कि चुंकि शारदीय नवरात्रि के समय मौसम बदल रहा होता है। ऐसे में इस समय संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा सबसे ज्यादा होता है।
वहीं यह परम्परा लोगों की बीमारियों से रक्षा करती है। नौ दिन के उपवास के बाद लोग अन्न ग्रहण करते हैं जिसके कारण उनकी पाचन की क्रिया प्रभावित होती है। पान का पत्ता पाचन की प्रक्रिया को सामान्य बनाए रखता है।