मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने यह भी कहा कि इस मामले में न्यायपूर्ण कार्रवाई और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। पूरी पार्टी नरोत्तम मिश्रा के साथ है। सरकार बदले की भावना से कार्रवाई नहीं करे। नरोत्तम मिश्रा बीजेपी के कद्दावर नेता है। उनको परेशान करने के लिए ईओडब्ल्यू कार्रवाई कर रही है। हमारी सरकार ने जांच के लिए मामले भेजे थे। सारे टेंडर को निरस्त कर दिया गया था और कोई काम नहीं हुआ था।
नरोत्तम मिश्रा के समर्थन में उमा भारती ने एक के बाद एक लगातार चार ट्वीट कर कहा था कि कमलनाथ सरकार जानबूझकर कार्रवाई कर रही है। उसकी कोशिश नरोत्तम मिश्रा का मनोबल गिराना है। यह उनकी छवि को गिराने का कुत्सित प्रयास है।
दरअसल, भाजपा सरकार के समय में हुए ई—टेंडर घोटाले की जांच चल रही है। जिसमें प्रदेश सरकार ने नरोत्तम मिश्रा के स्टाफ में रहे दो कर्मचारी वीरेंद्र पांडे और निर्मल अवस्थी की गिरफ्तारी की है। इन दोनों कर्मचारियों के जरिए नरोत्तम मिश्रा को भी आरोपी बनाने की कोशिश ईओडब्ल्यू की ओर से की जा रही है। वहीं, नरोत्तम को घेरने के लिए उनके पुराने मामलों को भी खंगाला जा रहा है और यही वजह है कि उनके करीबी रहे मुकेश शर्मा को भी ईओडब्ल्यू ने जांच के नाम पर दो दिन बैठाए रखा।