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भोपाल

बिजली टैरिफ ….दिन और रात की बिजली दरों के अलग-अलग होने पर सबसे ज्यादा आपत्ति, दर बढ़ाने की बजाय तीन फीसदी तक घटाने की मांग

भोपाल. दिन और रात की बिजली की अलग-अलग दरों पर उपभोक्ताओं को आपत्ति है। नई दरें तय करने बुधवार को भोपाल से जुड़े मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के उपभोक्ताओं को सुना गया। वर्चूअल यानि ऑनलाइन तरीके से हुई सुनवाई में तकनीकी दिक्कतों के बीच महज दस उपभोक्ता ही जुड़ पाए।

भोपालFeb 01, 2024 / 11:06 am

देवेंद्र शर्मा

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उन्होंने टाइम ऑफ द डे यानि दिन और रात को बिजली की अलग दरों को लागू नहीं करने की मांग की। यहां बिजली बिल को सरल करने से लेकर बिजली चोरी पर लगाम लगाकर खर्च घटाने की सलाह भी मिली। वर्चूअल सुनवाई विवादों में रही। उपभोक्ताओं के पास लिंक नहीं पहुंची। 15 से अधिक ने आयोग में इसे लेकर शिकायत दर्ज कराई है। उपभोक्ताओं के पास लिंक क्यों नहीं पहुंची, सुनवाई के लिए अतिरिक्त व्यवस्था क्यों नहीं की? आयोग के सचिव उमांकात पांडा इस पूरे मामले पर कोई स्पष्टीकरण नहीं दे पा रहे हैं।
ऐसे समझे आपत्तियां
– गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र की ओर से लगाई आपत्ति में उद्यमी योगेश गोयल ने बात रखी। उन्होंने कहा कि बीते सालों में देखा जाता रहा है कि कंपनियां छह प्रतिशत दर वृद्धि की मांग करती है और आयोग दो प्रतिशत की बढ़ोतरी मंजूर करता है, ऐसे में इस बार 3.84 प्रतिशत की दर वृद्धि है तो आयोग को अब 3 प्रतिशत दर घटाने का निर्णय लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि उद्योगों को पहले ही रात को ज्यादा बिजली होने पर 20 प्रतिशत की छूट मिलती थी, अब टाइम ऑफ दि डे में दिन और रात दोनों की बिजली महंगी होगी, जिससे खर्च बढ़ेगा।
– अरेरा कॉलोनी इ2 के कमल राठी ने कहा कि दरवृद्धि नहीं करने की मांग की। उन्होंने कहा कि अब जब इंफ्रास्ट्रक्चर सब बना हुआ है तो घरेलू उपभोक्ताओं से फिक्सचार्ज बंद किया जाए। बिजली का बिल सरल हो ताकि आमजन को समझ आए, 100 यूनिट खर्च है तो उन्हें कितनी राशि का भुगतान करना है। टैरिफ पांच रुपए होता है, लेकिन वसूली आठ से होती है। ये किसी को समझ नहीं आता। उन्होंने आवासीय परिसर में कुछ कार्यालय, ट्यूशन जैसे काम को व्यवसायिक गतिविधि से बाहर करना चाहिए।
– उपभोक्ता सुभाष पांडेय ने कहा कि मध्यक्षेत्र में अब भी औसत लॉस 19.5 प्रतिशत है। केंद्र ने इसे अधिकतम 12 प्रतिशत तय किया है। कंपनियों से कहना चाहिए कि वह सात फीसदी लॉस घटाकर अपना रेवेन्यू बढ़ाएं। उपभोक्ताओं पर बोझ डालने की बजाय 300 यूनिट तक बिजली फ्री करना चाहिए।

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