– गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र की ओर से लगाई आपत्ति में उद्यमी योगेश गोयल ने बात रखी। उन्होंने कहा कि बीते सालों में देखा जाता रहा है कि कंपनियां छह प्रतिशत दर वृद्धि की मांग करती है और आयोग दो प्रतिशत की बढ़ोतरी मंजूर करता है, ऐसे में इस बार 3.84 प्रतिशत की दर वृद्धि है तो आयोग को अब 3 प्रतिशत दर घटाने का निर्णय लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि उद्योगों को पहले ही रात को ज्यादा बिजली होने पर 20 प्रतिशत की छूट मिलती थी, अब टाइम ऑफ दि डे में दिन और रात दोनों की बिजली महंगी होगी, जिससे खर्च बढ़ेगा।
– अरेरा कॉलोनी इ2 के कमल राठी ने कहा कि दरवृद्धि नहीं करने की मांग की। उन्होंने कहा कि अब जब इंफ्रास्ट्रक्चर सब बना हुआ है तो घरेलू उपभोक्ताओं से फिक्सचार्ज बंद किया जाए। बिजली का बिल सरल हो ताकि आमजन को समझ आए, 100 यूनिट खर्च है तो उन्हें कितनी राशि का भुगतान करना है। टैरिफ पांच रुपए होता है, लेकिन वसूली आठ से होती है। ये किसी को समझ नहीं आता। उन्होंने आवासीय परिसर में कुछ कार्यालय, ट्यूशन जैसे काम को व्यवसायिक गतिविधि से बाहर करना चाहिए।
– उपभोक्ता सुभाष पांडेय ने कहा कि मध्यक्षेत्र में अब भी औसत लॉस 19.5 प्रतिशत है। केंद्र ने इसे अधिकतम 12 प्रतिशत तय किया है। कंपनियों से कहना चाहिए कि वह सात फीसदी लॉस घटाकर अपना रेवेन्यू बढ़ाएं। उपभोक्ताओं पर बोझ डालने की बजाय 300 यूनिट तक बिजली फ्री करना चाहिए।