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भोपाल

दो भाजपा विधायकों की कुर्सी खतरे में, फर्जी प्रमाण पत्र से चुनाव लड़ने के आरोप

नेपा नगर विधायक सुमित्रा कास्डेकर के बाद खंडवा विधायक देवेंद्र वर्मा की मुश्किलें बढ़ीं…। दोनों के मामले हाइकोर्ट तक पहुंचे…।

भोपालJun 04, 2022 / 05:49 pm

Manish Gite

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खंडवा/ बुरहानपुर. नेपानगर की विधायक सुमित्रा कास्डेकर की फर्जी मार्कशीट का मामला सामने आने के बाद उनकी जाति का मुद्दा भी गरमा गया है। इस मामले में पूर्व विधायक मंजू दादू ने सुमित्रा के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है। इसी तरह भाजपा विधायक देवेंद्र वर्मा के खिलाफ भी फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर चुनाव लड़ने की शिकायत दर्ज करवाई गई है। वर्मा के मामले की सुनवाई हाइपॉवर कमेटी कर रही है। इस मामले में शिकायतकर्ता ने हाइकोर्ट में समयसीमा में सुनवाई का आवेदन दिया था, कोर्ट के निर्देश के बावजूद अभी तक मामला साफ नहीं हुआ। सुमित्रा की जाति को लेकर की गई शिकायत में पूर्व विधायक मंजू दादू ने आरोप लगाया था कि सुमित्रा कास्डेकर का जन्म स्थान महाराष्ट्र का है और उन्होंने नया जाति प्रमाण पत्र बताकर देड़तलाई का निवास होना बताया। इसी मामले को लेकर दादू ने कोर्ट में याचिका लगाई थी, जो अभी लंबित है। तब सुमित्रा कांग्रेस में थी अब वे भाजपा से विधायक हैं। मामले को कांग्रेस भी तूल दे रही है।

 

 

विधायक वर्मा पर भी लगे हैं जाति छिपाने के आरोप

खंडवा. खंडवा विधायक देवेंद्र वर्मा के जाति प्रमाण पत्र को लेकर कांग्रेस नेता कुंदन मालवीया ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई है। इसमें मालवीया ने आरोप लगाया था कि विधायक ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाकर चुनाव लड़ा है। इस पर 24 जनवरी 2022 को हाईकोर्ट ने हाइपॉवर कमेटी को 90 दिन में सुनवाई के निर्देश जारी किए थे। हाइपॉवर कमेटी के अध्यक्ष आदिमजाति कल्याण विभाग प्रमुख सचिव और समिति सचिव, विभाग के कमिश्नर है। मालवीया ने कहा के वे दुबारा हाईकोर्ट में याचिका लगाएंगे।

उपचुनाव में भी उठा था फर्जी प्रमाण पत्र का मुद्दा

2020 में हुए उपचुनाव में भी फर्जी प्रमाण पत्र का मुद्दा उठा। पूर्व विधायक सुमित्रा कास्डेकर फर्जी दस्तावेज लगाकर गैस वितरण एजेंसी लेना चाहती थी। उक्त मामले में सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। इसमें गैस कंपनी ने कास्डेकर के दस्तावेज गलत बताकर उनका चयन निरस्त किया था। उस समय सुमित्रा का कहना था कि आरोप गलत है। मेरे द्वारा ऐसा कोई फर्जी कार्य नहीं किया गया है। चुनाव को देखते हुए मेरे ऊपर अलत आरोप लगाए जा रहे हैं। चार साल में दूसरी बार आई थी उप चुनाव की नौबत : नेपानगर विधानसभा सीट पर चार साल में दो उप चुनाव की नौबत आई थी। 9 जून 2016 को तत्कालीन विधायक राजेंद्र दादू के सड़क हादसे में निधन के बाद यहां उप चुनाव हुए थे। इसमें उनकी बेटी मंजू दादू 42 हजार मतों से जीतीं थीं। ढाई साल के कार्यकाल के बाद 2018 में फिर विधानसभा चुनाव हुए।

 

पुलिस ने माना दोनों तारीखें अलग-अलग

इस मामले में 16 दिसंबर -21 को खकनार थाने में शिकायत की गई थी। परिवाद दायर होने के बाद न्यायालय ने पुलिस से पुरानी शिकायत की प्रगति की रिपोर्ट मांग ली। पुलिस ने बताया गया कि मामले की जांच एसडीओपी नेपानगर ने की, जिसमें जन्म तारीखों में भिन्नता मिली है।

 

एसपी बोले, जांच कर दर्ज करेंगे कार्रवाई

एसपी राहुल कुमार लोढा ने कहा कि जिला न्यायालय की तरफ से पत्र मिला है, जिसमें 156/3 के अंतर्गत एक महीने के भीतर कार्रवाई करने को कहा है। सभी दस्तावेजकी जांच करवाई जा रही है, जांच रिपोर्ट मिलते ही एक माह के अंदर प्रकरण दर्ज कर न्यायालय को रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।

 

सत्य की जीत हुई है। भाजपा को तुरंत ऐसे झूठे जनप्रतिनिधि को पद से हटाना चाहिए। शिवराज का बुलडोजर भी चलना चाहिए।

– अजय रघुवंशी, कांग्रेस अध्यक्ष

 

मामले की जानकारी अभी हम ले रहे हैं। इसे हम पार्टी के वरिष्ठों को बताएंगे। इसके बाद आगे का निर्णय लेंगे।

– मनोज लधवे, भाजपा जिला अध्यक्ष

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