थरूर के अलावा एफआईआर में राजदीप सरदेसाई आज तक, मृणाल पांडेय नेशनल हेराल्ड, परेशनाथ – कारवां, अनन्त नाथ – कारवां, जफर आगा- कौमी आवाज़, विनोद के जॉन्स कारवां पत्रिका सहित एक अन्य के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मामला दर्ज किया गया है।
मिसरोद थाने में इन सभी के खिलाफ धारा 153ए , 505 (2) सहित कई धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में सामाजिक संगठन के अर्पित मिश्रा ने पहली शिकायत नोएडा पुलिस थाने में दर्ज कराई है।
अर्पित मिश्रा ने बताया कि वह परिवार के साथ सेक्टर 74 सुपरटेक केपटाउन में रहते हैं। उनका आरोप है कि 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा के पीछे कांग्रेस सांसद शशि थरूर, पत्रकार राजदीप सरदेसाई, पत्रकार मृणाल पांडेय, पत्रकार जफर आगा, परेशनाथ, अनन्तनाथ, विनोद के जोश और एक अज्ञात व्यक्ति ने झूठी जानकारियों का प्रसारण किया जिससे किसान भड़क गए। मिश्रा की शिकायत के आधार पर भोपाल में भी कई सामाजिक संगठनों ने शहर के 16 थानों में शिकायत देकर मामले दर्ज करने की मांग की जिसके बाद देर रात में मिसरोद थाने में देशद्रोह की एफआईआर दर्ज की गई।
शिकायतकर्ता ने कहा है कि इन लोगों ने जानबूझकर गुमराह करने वाले और उकसाने वाली ऐसी खबरें प्रसारित कीं और अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया कि पुलिस द्वारा आंदोलनकारी एक ट्रैक्टर चालक की हत्या कर दी गई। सुनियोजित साजिश के तहत गलत जानकारी प्रसारित की गई कि आंदोलनकारी को पुलिस ने गोली मार दी। यह जानबूझकर इस उद्देश्य से कहा गया कि बड़े पैमाने पर दंगे हों और विभिन्न समुदायों के बीच तनाव उत्पन्न हो।
मुलताई थाने में भी केस दर्ज
इधर, बैतूल जिले के मुलताई थाने में भी शशि थरूर समेत 8 लोगों के खिलाफ गुरुवार रात को प्रकरण दर्ज किया गया। मुलताई टीआइ सुरेश सोलंकी के मुताबिक आंबेडकर वार्ड निवासी बालमुकुंद पिता मुन्नालाल डोंगरे ने किसान आंदोलन के दौरान गलत, भ्रामक जानकारी सोशल मीडिया पर देकर हिंसा भड़काने का आरोप लगाते हुए शिकायती आवेदन दिया था। इसी के आधार पर शशि थरूर, राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडे, जफर आगा, परेश नाथ, अनंत नाथ, विनोद के जोश एवं अन्य सभी निवासी दिल्ली के खिलाफ धारा 298, 504, 506, 505(2), 153 ए, 153 बी, 295 ए, 124 ए, 120 बी एवं 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है।