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भोपाल

वन विभाग नर्मदा कछार में रोपेगा चार करोड़ पौधे.. देखें पूरी जानकारी!

सरकार का लक्ष्य घोषित

भोपालApr 16, 2018 / 10:18 pm

योगेंद्र Sen

forest department

भोपाल। वन विभाग इस वर्ष नर्मदा कछार में चार करोड़ से अधिक पौधे रोपेगा। नर्मदा की सहायक नदियों के कैचमेंट एरिया में भी पौधरोपण किया जाएगा। इसके लिए एक माह का समय तय किया गया है। पिछले साल नर्मदा किनारे के 24 जिलों रोपे गए सवा सात करोड़ पौधों में से तीन करोड़ वन विभाग ने लगवाए थे। विभाग ने इस बार चार करोड़ पौधों के ऑर्डर विभिन्न नर्सरियों को दिए हैं। वहीं, सरकार अपना लक्ष्य घोषित करने से बच रही है।

कृषि, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, उद्यानिकी विभाग सहित अन्य विभाग नर्मदा के कछार में पौधे लगाने की कार्ययोजना तैयार कर रहे हैं। हालांकि, इसकी अधिकृत घोषणा नहीं की गई है। वन विभाग कृषि समृद्धि योजना के तहत नर्मदा कछार की निजी जमीन पर करीब 40 लाख पौधे लगवाएगा। नर्मदा कछार में पौधरोपण साथ ही 23 जिलों के 30 स्थानों पर ऊर्जा वन तैयार किए जाएंगे। इनका क्षेत्रफल पांच हेक्टेयर से अधिक होगा। इनमें 55000 से अधिक पौधे रोपे जाएंगे। ऊर्जा वन तैयार करने के लिए कैंपा फंड का उपयोग होगा।

रूटशूट से रोपेंगे 60 लाख पौधे
प्रदेशभर में रूटशूट के माध्यम से 60 लाख पौधे लगाए जाएंगे। सबसे ज्यादा 20 लाख पौधे हरदा जिले में लगाए जाएंगे। नरसिंहपुर, सिवनी, खंडवा, बड़वानी, देवास और बैतूल में पांच लाख से लेकर 10 लाख तक रूटशूट पौधे लगाए जाएंगे।

इन जिलों में रोपेंगे
डिंडोरी, मंडला, जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, खंडवा, बुरहानपुर, दमोह, खरगोन, बड़वानी, सागर, देवास, धार, इंदौर, सीहोर, अलीराजपुर, रायसेन, बैतूल, होशंगाबाद, हरदा, छिंदवाड़ा, बालाघाट और अनूपपुर।

वन विभाग का काम पौधरोपण करना है। सरकार की तरफ से इस वर्ष पौधे लगाने का कोई टारगेट निर्धारित नहीं किया
गया है।
– शहबाज अहमद, पीसीसीएफ, रिसर्च एंड डेवलपमेंट

चार पहिया में कर्मचारी…?
मंत्रालय में कर्मचारियों ने पिछले दिनों दो दिन का सामूहिक अवकाश लिया। मेन गेट पर कर्मचारी नेताओं अफसरों को छोड़कर सबको रोक दिया। कैबिनेट से संबंधित लोगों के अलावा कर्मचारी नेता किसी को जाने देने के मूड में नहीं थे। इस पर चुनिंदा कर्मचारियों ने दोनों दिन अपने बॉस को खुश करने खूब होशियारी दिखाई। वे सुबह 9.30 बजे ही पहुंच गए, ताकि 10.30 बजे रोकने से पहले ही मंत्रालय में रहें। कुछ ने बॉस को बोलकर चार पहिया गाड़ी में सवारी कर ली। ये गाडि़यां वीआईपी गेट तक अंदर पहुंचती और कर्मचारी भी साहब के साथ अंदर। इसकी भनक एक कर्मचारी नेता को लगी, तो कुछ अनजाने से अफसरों की चारपहिया को भी रोक लिया। इस पर एक डिप्टी सेक्रेटरी साहब खूब नाराज हुए। बाहर आकर बोले कि मैं डिप्टी सेक्रेटरी हूं और तुम लोग पहचानते तक नहीं।

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