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शरीर के लिए नुकसानदेह ही नहीं, फायदेमंद भी है फैट, इन बीमारियों को करता है कंट्रोल

शरीर के लिए नुकसानदेह ही नहीं, फायदेमंद भी है फैट, इन बीमारियों को करता है कंट्रोल

भोपालJun 19, 2018 / 07:19 pm

Ashtha Awasthi

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भोपाल। डाइट में प्रोटीन और फैट बेहद आवश्यक है। ब्लड और हार्मोंस के प्रोडक्शन को नियमित करने और मेटाबॉलिज्म एवं सेल्युलर फंग्शन के लिए पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन और फैट लेना जरूरी है। प्रोटीन और फैट महिलाओं के लिए भी बहुत आवश्यक पोषक तत्व हैं। शहर की डॉयटीशियन रश्मि श्रीवास्तव बताती है कि मेनोपॉज के बाद जिन महिलाओं के भोजन में प्रोटीन की मात्रा कम होती है, उनमें ऑस्टिओपोरोसिस का खतरा ३० फीसदी बढ़ जाता है। इसी के विपरीत यदि आवश्यकता से अधिक प्रोटीन और फैट युक्त डाइट ली जाए तो मोटापा जैसी समस्या बढ़ जाती है। अमरीका की एक रिपोर्ट के अनुसार यदि एक निश्चित मात्रा में प्रोटीन और फैट का सेवन किया जाए तो रोगों का खतरा कम होने के साथ ही मोटापे को भी कंट्रोल करने में मदद मिलती है।

शरीर के लिए जरूरी है प्रोटीन

प्रोटीन को शरीर के लिए सबसे जरूरी माइक्रोन्यूट्रिएंट्स में से एक माना जाता है। प्रोटीन के निर्माण के लिए अमीनो एसिड बहुत जरूरी है। प्रोटीन की क्रियाशीलता के लिए २० तरह के अमीनो एसिड जरूरी होते हैं। जटिल प्रोटीन के स्रोत के लिए सभी तरह के अमीनो एसिड जरूरी हैं। जटिल प्रोटीन में पशुओं से प्राप्त प्रोटीन जैसे मांस, अंडा, डेयरी प्रोडेक्ट आदि को शामिल किया जा सकता है।

प्रोटीन डाइट पर दें ध्यान

हेल्थ एक्पट्र्स के अनुसार रोजाना ली जाने वाली कैलोरी का १० से ३५ फीसदी हिस्सा प्रोटीन का होना चाहिए। हालांकि शरीर के वजन के अनुसार प्रोटीन का सेवन किया जाना चाहिए। आहार विशेषज्ञों के अनुसार शरीर वजन के प्रति किलो के हिसाब से ०.८ से एक ग्राम प्रोटीन लेना चाहिए, यानी यदि आपका वजन ५० किलो है तो एक दिन में करीब ४० से ५० ग्राम प्रोटीन लेना चाहिए। शाकाहारी लोग प्रोटीन के लिए डेयरी प्रोडक्ट जैसे दूध, दही, पनीर ले सकते हैं।

उपयोगी है फैट

अमरीकी हार्ट एसोसिएशन के अनुसार डाइटरी फैट में मोनोअनसैच्युरेटेड और पॉलीअनसैच्युरेटेड फैट का सेवन ज्यादा करना चाहिए। इस फैट से बॉडी में कोलेस्ट्रोल की मात्रा नहीं बढ़ती और यह बुरे कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम करता है। मोनोअनसैच्युरेटेड और पॉलीअनसैच्युरेटेड फैट के लिए कुछ विशेष प्रकार के तेल, नट्स और फैटी फिश को अच्छा स्रोत माना गया है। इसके विपरीत सैच्युरेटेड और ट्रांस फैट शरीर के लिए अच्छा नहीं होता, डाइट में बहुत ही कम मात्रा में ऐसे फैट का सेवन करें। यह शरीर में रोगों का कारण बनता है। यह पैक्ड फूड, हाई फैट मीट, सभी तरह के डेयरी और फ्राइड फूड में होता है।

इतनी मात्रा में लें फैट

बॉडी को रोजाना जितनी मात्रा में कैलोरी की आवश्यकता होती है, उसका २५ से ३० फीसदी हिस्सा फैट का होना चाहिए। माना आपको रोजाना १८०० कैलोरी की आवश्यकता होती है तो ऐसे में ६० ग्राम से ज्यादा फैट ग्रहण नहीं करना चाहिए। सैच्युरेटेड फैट की बात की जाए तो रोजाना की कैलोरी का ७ फीसदी से भी कम मात्रा होनी चाहिए। ट्रांस फैट सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक होता है।

हेल्थ रिस्क बढ़ता है लो फैट

कनाडा की एक रिसर्च से सामने आया है कि लो फैट वाली डाइट लेने से मृत्यु का १३ फीसदी तक खतरा बढ़ जाता है। शोध के अनुसार जो लोग अपनी डाइट में फैट कम करते हैं, वो काब्र्स ज्यादा लेते हैं जैसे पास्ता, ब्रेड और चावल। ये फूड्स बॉडी के लिए महत्त्वपूर्ण न्यूट्रशिंस को कम कर देते हैं। काब्र्स वाले फूड अनहेल्दी होते हैं। स्टडी में ये पाया गया है कि चीनी और प्रोसेस्ड मील से जल्दी मरने की आशंका 28 फीसदी तक बढ़ जाता है।

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