झाबुआ सीट पहले बीजेपी के कब्जे में था। यहां से विधायक रहे जीएस डामोर के सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हुई है। हरियाणा और महाराष्ट्र के साथ यहां भी उपचुनाव होने हैं। इस सीट पर कांग्रेस से कांतिलाल भूरिया और बीजेपी से भानु भूरिया उम्मीदवार हैं। गोपाल भार्गव पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के साथ लगातार यहां प्रचार कर रहे हैं। चुनावी सभाओं वह लोगों भानु भूरिया को जिताने की अपील कर रहे हैं।
गोपाल भार्गव ने पाकिस्तान वाले बयान के बाद मंगलवार को उन्होंने एक और ऐसा बयान दिया जिससे मध्यप्रदेश की राजनीति में खलबली मच गई। गोपाल भार्गव ने झाबुआ में ही चुनाव प्रचार के दौरान कहा कि अगर आपलोग भानु भूरिया को चुनाव जिताएंगे तो मामा यानी शिवराज सिंह चौहान फिर सीएम बन जाएंगे। उन्होंने मंच से यहां तक घोषणा कर दी कि दीपावली के बाद शिवराज सिंह चौहान सीएम पद की शपथ लेंगे।
जब इस बयान पर भी विवाद बढ़ा तो गोपाल भार्गव ने अपने बयान से यू टर्न ले लिया। सफाई देते हुए भार्गव ने कहा कि उनके बयानों से राजनीतिक हलकों में बवाल की स्थिति नहीं हुई है। आचार संदित के उल्लंघन सहित विधायकों की खरीद परोख्त सेे जुड़े आरोप भाजपा पर लगने लगे। सभा के दौरान राजनेता दूसरे राजनेता की तारीफ करते हैं मैंने उसी के चलते बयान दिया है। सरकार गिराने या शिवराज सिंह के शपथ लेने से जुड़ा फैसला केंद्रीय नेतृत्व करता है। मुख्यमंत्री कौन होगा, यह विधायक की संख्या तय करती है। फिलहाल ऐसी स्थिति नहीं बनी है।