इन समस्याओं का होगा निराकरण
अब ये किसानों के प्रति हमदर्दी है या कोई पॉलिटिकल माइलेज लेने का तरीका पर ये तो साफ है कि, प्रदेश सरकार किसानों को लेकर काफी गंभीर है और अपने वादों और योजनाओं में भी किसानों को आगे रख कर चल रही है। आपको बता दें कि, फसल तैयार होने के बाद किसान उसे मंडी बेचने आता है। इस दौरान कभी-कभी ज्यादा नंबर होने के कारण एक-दो दिन भी लग जाते हैं। ऐसी स्थिति में किसान के सामने पेट भरना सबसे बड़ी समस्या बन जाता है। ऐसी स्थिति में उसके सामने दो चुनौतियां पहली ये कि, गाड़ी में भरी अपनी फसल छोड़कर खाना खाने कहां जाए और दूसरी ये कि, अगर साथ में निगरानी के लिए किसी को साथ लाए तो उसका खर्च कैसे उठाए। क्योंकि, उस समय तक फसल का लाभ तो मिला नहीं होता।
10 से 12 लाख किसानों को मिलेगा लाभ
इन तमाम परेशानियों को देखते हुए सरकार ने फैसला किया है वह मंडियों के बाद अब अनाज खरीदी केन्द्रों पर भी किसानों को दस रुपये में खाना उपलब्ध कराएगी। इससे खरीद केन्द्रों पर आने वाले तकरीबन 10 से 12 लाख किसानों को लाभ मिलेगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनसार, खाद्य विभाग ने इसे लेकर प्रस्ताव भी तैयार कर लिया है, लोकसभा चुनाव में इसका फायदा लेने के लिए इसे आचार संहिता से पहले लागू भी किया जा सकता है।
10 से 30 रुपए होगी एक व्यक्ति की थाली
सरकार इसके लिए कम से कम दर से खाने की थाली किसानो को मुहय्या कराएगी। सुत्रों की माने तो प्रति थाली के दाम 10 से 30 रुपए के बीच होगी। थाली की कीमत से उसकी लागत के बीच के अंतर की भरपाई केटर्स को सरकार करेगी। जानकारी ये भी है कि, फसल बेचने वाले किसान के साथ अन्य पांच से सात किसानों को भी इसी रियायती दर पर पोष्टिक और स्वादिष्ट खाना मुहय्या कराया जाएगा।
खाद्य विभाग पर पड़ेगा 6 करोड़ का अतिरिक्त भार!
कैंटिन के संचान के लिए जिला स्तर पर ही ठेके बांटे जाएंगे, जिससे उनका संचालन सुचारू ढंग से किया जा सके। खरीदी केन्द्रों पर आने वाले किसानों को टोकन दिया जाएगा। टोकन नम्बर के बाद से गेहूं खरीदी की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। खरीदी केन्द्रों पर अनाज की ग्रेडिंग और सफाई का कार्य भी किया जाएगा। खरीदी की प्रक्रिया पूरी करने में जितने दिन लगेंगे उतने दिन तक उन्हें भोजन के साथ-साथ किसानो के ठहरने की व्यवस्था भी की जाएगी। खाद्य विभाग के सूत्रों के अनुसार, इस आदेश का सुचारू ढंग से क्रियानवयन करने में सरकार पर 6 करोड़ रुपए से अधिक राशि का अतिरिक्ति भार आएगा।