जिला मुख्यालयों में आदिवासी युवाओं को 2,500 रुपए और ब्लॉक मुख्यालय पर अध्ययन करने पर 2000 रुपए प्रतिमाह आवास किराया दिया जाएगा- अब राजधानी भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर तथा उज्जैन संभागीय स्तर पर पढ़ाई करने वाले आदिवासी स्टूडेंट को 4 हजार रुपए प्रतिमाह दिए जाएंगे. प्रदेश के शेष 47 जिला मुख्यालयों में आदिवासी युवाओं को 2,500 रुपए और ब्लॉक मुख्यालय पर अध्ययन करने पर 2000 रुपए प्रतिमाह आवास किराया दिया जाएगा। ऐसे मुख्यालय इस श्रेणी में नहीं आनेवाले तहसील, नगरपालिका, नगर परिषद व ग्राम पंचायत को ब्लॉक की श्रेणी में रखा गया है।
आवासीय व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए आवास सहायता योजना चलाई जा रही- सरकार का मानना है कि कॉलेज लेवल की पढ़ाई के लिए कई छात्रों को हॉस्टल उपलब्ध नहीं हो पाते हैं। उनको आवासीय व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए आवास सहायता योजना चलाई जा रही है. इसके तहत छात्रों को राशि दी जाती है.
यह सहायता आदिवासी स्टूडेंट को 12वीं पास करने के बाद मान्यता प्राप्त संस्थाओं के मान्यता प्राप्त रेगुलर कोर्सेस में पढ़ाई के लिए मिलेगी। कोर्स की निर्धारित अवधि के लिए एकबार ही राशि मिलेगी. सरकारी, प्राइवेट कॉलेज या अन्य मान्यता प्राप्त इंस्टीट्यूट में UG, PG सहित उच्चस्तरीय डिप्लोमा कोर्सेस में एडमिशन लेनेवाले ऐसे स्टूडेंट्स जिन्हें किसी भी शासकीय हॉस्टल में प्रवेश नहीं मिला हो, वे विद्यार्थी आवास सहायता योजना के पात्र होंगे।
ये होंगे पात्र
अनुसूचित जनजाति ST वर्ग का स्टूडेंट्स हो।
मध्यप्रदेश का स्थाई निवासी हो।
स्टूडेंटस के अभिभावकों की वार्षिक आय सीमा पोस्ट मैट्रिक योजना के अनुरूप हो।