यहां आदिवासी बहुल इलाका होने के कारण दोनों पार्टियों के लिए यह क्षेत्र काफी अहम है। दाहोद और वडोदरा की सीमाएं मध्यप्रदेश से लगती हैं। दोनों ही दलों के लिए आदिवासी वोटबैंक एक बड़ी चुनौती बन गया था।
दाहोद में यह रहा पार्टियों का हाल
मध्यप्रदेश की सीमा से लगे दाहोद के परिणाम आ गए हैं। यहां 14 दिसंबर को दूसरे चरण में मत डाले गए थे। यह सीटें हैं दाहोद में
दाहोद जिले में छह विधानसभा सीटें हैं। फतेपुरा (एसटी), झालोद (एसटी), लिमखेड़ा (एसटी), दाहोद (एसटी), गरबदा (एसटी) और देवगढ़ बारिया. फतेपुरा (एसटी) में भाजपा के रमेश भाई कटारा और कांग्रेस के रघु मछार के बीच कांटे का मुकाबला है। वहीं, झालोद (एसटी) में कांग्रेस के भावेश कटारा और बीजेपी के महेशभाई भूरिया के बीच कड़ा मुकाबला हो रहा है।
मध्यप्रदेश की सीमा से लगे दाहोद के परिणाम आ गए हैं। यहां 14 दिसंबर को दूसरे चरण में मत डाले गए थे। यह सीटें हैं दाहोद में
दाहोद जिले में छह विधानसभा सीटें हैं। फतेपुरा (एसटी), झालोद (एसटी), लिमखेड़ा (एसटी), दाहोद (एसटी), गरबदा (एसटी) और देवगढ़ बारिया. फतेपुरा (एसटी) में भाजपा के रमेश भाई कटारा और कांग्रेस के रघु मछार के बीच कांटे का मुकाबला है। वहीं, झालोद (एसटी) में कांग्रेस के भावेश कटारा और बीजेपी के महेशभाई भूरिया के बीच कड़ा मुकाबला हो रहा है।
दाहोद विधानसभा से कांग्रेस के वजेसिंग पनाडा जीते -लिमखेड़ा (एसटी) में भाजपा के शैलेष भाई भाम्भोर और कांग्रेस के महेश तडवी के बीच टक्कर है। दाहोद (एसटी) में कांग्रेस के वीजे सिंह पानाडा और भाजपा के कन्हैयालाल किशोरी के बीच चुनावी जंग चल रही है।
गरबदा (एसटी) में भाजपा के महेंद्र भम्भोर और कांग्रेस के चंद्रिकाबेन बारिया के बीच कड़ी टक्कर है। देवगढ़ बारिया में कांग्रेस के भरत सिंह वांखला और बीजेपी के बच्चूभाई खाबड़ के बीच मुकाबला है।
आदिवासी वोटों पर चोट
कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चिंता अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित 27 सीटें की रही। इनमें पंचमहल , छोटा उदयपुर और दाहोद जिले शामिल हैं। कांग्रेस की चिंता बीजेपी की नई रणनीति के कारण है, जिसके तहत पिछले दो वर्षों में वीएचपी और RSS के जरिए भाजपा ने पूर्वी गुजरात में आदिवासियों के बीच पैठ बनाई है।
वडोदरा की 10 सीटों का देखें हाल
सावली, वाघोडिया, दभोई, वडोदरा शहर (एससी), सयाजीगंज, अकोटा, रावपुरा, मंजलपुर, पादरा और करजन वडोदरा जिले की सीटें हैं। वडोदरा विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो यहां पर कुल 2,72,860 मतदाता हैं, जिनमें 1,40,811 पुरुष और 1,32,048 महिला वोटर हैं। इस सीट पर दूसरे चरण में 14 दिसंबर को वोट डाले गए थे। 2012 विधानसभा चुनावों में भाजपा ने इस सीट पर कब्जा जमाया था।
सावली, वाघोडिया, दभोई, वडोदरा शहर (एससी), सयाजीगंज, अकोटा, रावपुरा, मंजलपुर, पादरा और करजन वडोदरा जिले की सीटें हैं। वडोदरा विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो यहां पर कुल 2,72,860 मतदाता हैं, जिनमें 1,40,811 पुरुष और 1,32,048 महिला वोटर हैं। इस सीट पर दूसरे चरण में 14 दिसंबर को वोट डाले गए थे। 2012 विधानसभा चुनावों में भाजपा ने इस सीट पर कब्जा जमाया था।
सावली में बीजेपी के केतन भाई इमानदार और कांग्रेस के सागर ब्रह्मभट्ट के बीच फाइट है। यहां केतनभाई जीत गए हैं।
-दभोई सीट से बीजेपी के शैलेश मेहता की जीत।
-अकोटा विधानसभा सीट से बीजेपी के सीमाबेन मोहिले जीतीं।
-इनके अलावा वाघोडिया में कांग्रेस के डॉ. प्रफुल वसावा और बीजेपी के मधु श्रीवास्तव के बीच मुकाबला रहा।
-दभोई सीट से बीजेपी के शैलेश मेहता की जीत।
-अकोटा विधानसभा सीट से बीजेपी के सीमाबेन मोहिले जीतीं।
-इनके अलावा वाघोडिया में कांग्रेस के डॉ. प्रफुल वसावा और बीजेपी के मधु श्रीवास्तव के बीच मुकाबला रहा।