scriptबसाहट व व्यवसायिक उपयोग ने रोका शौकत महल का विकास | Habitat and commercial use stopped the development of Shauqat Mahal | Patrika News
भोपाल

बसाहट व व्यवसायिक उपयोग ने रोका शौकत महल का विकास

खतरनाक हो चुके महल के विकास को लेकर नगर निगम दे चुके है खाली करने का नोटिस, दो बार बनी योजना हो चुकी फैल।

भोपालJan 13, 2020 / 06:19 pm

चन्द्र प्रकाश भारती

बसाहट व व्यवसायिक उपयोग ने रोका शौकत महल का विकास

बसाहट व व्यवसायिक उपयोग ने रोका शौकत महल का विकास

भोपाल। स्मार्ट सिटी के तरह शहर की धरोहरों का भी विकास किया जा रहा है। जिसमें सदर मंजिल, मोती महल, तीन मोहरे व इकबाल मैदान से लगा गौहर महल की ओर जाने वाला गलियारे का विकास रिनोवेशन अंतिम पड़ाव पर है,लेकिन स्मार्ट सिटी के तहत ही इससे जुड़ा शौकत महल में बसाहट व व्यवसयिक उपयोग के चलते जर्जर हालात में होने के बाद रिनोवेट नहीं हो रहा है, जबकि इसका ठेका भी जयपुर की कंपनी को मिला था। तीन साल पहले बारिश में इसका एक हिस्सा सड़क की ओर गिर गया था। दूसरे हिस्सा भी खतरनाक होने के कारण नगर निगम ने उसे गिरा दिया था। इसके बाद नगर निगम ने इस खतरनाक हो चुके महल को सुधार करने के लिए नोटिस जारी किया था। इंजिनियरों ने बताया कि पुरातत्व के अधीन होने के कारण इसे पूरी तरह तोडऩे को लेकर काम रोक दिया गया। साथ ही नोटिस देना भी बंद कर दिया। इसके बाद यहां रहवासियों ने ही जर्जर महल के नीचे दो रेस्टोंरेट व कई खानपान की दुकानें शुरु कर ली। बताया गया कि राज्य पुरातत्व संग्राहलय ने भी शौकत महल, शीश महल व इकबाल मैदान का विकास के लिए आठ करोड़ का बजट बनाया था,लेकिन शौकत महल में रहने वालों से रिनोवेशन के लिए महल को खाली नहीं किया। जिसके चलते आज इसके आसपास क
ा सारा हिस्सा विकसित व खूबसूरत नजर आ रहा है, यह जर्जर महल उसी स्थिति में है।
इनका कहना
राज्य पुरातत्व के अधीन होने के बाद भी इसका रिनोवेशन इसमें रहने वालों के कारण नहीं हो सका था। हमने तो करीब आठ करोड़ से इस क्षेत्र के विकास की योजना बनाई, बाद में बजट ही लेब्स हो गया था। पता चला है कि स्मार्ट सिटी में इसका विकास हो रहा है,लेकिन उनके सामने भी यहीं स्थिति आ रही है।
-केके बरई, डिप्टी डायरेक्टर, राज्य पुरातत्व संग्राहलय
शौकत महल की जर्जर हालात के चलते वहां रहने वालों को इसे खाली करने का नोटिस दिया था,लेकिन लोगों ने इसके सुधार को लेकर सहयोग नहीं किया था। यह राज्य पुरातत्व के अधीन होने के कारण हमने इसके जर्जर अन्य हिस्सों को दोबारा नहीं तोड़ा।
-केशव पाठक, एई, नगर निगम जोन-२
-हमें सदर मंजिल, मोती महल, तीन मोहरों के साथ शौकत महल के विकास का भी ठेका मिला था,लेकिन उसमें रहने वाले लोगों ने उसे खाली करने से मना कर दिया। अन्यथा सदर मंजिल के साथ उसका भी सौंदर्यकरण हो जाता।
-मूलचंद सैनी, सुपरवाइजर, ठेका कंपनी, जयपुर
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