जानकार बताते हैं कि शहर में अरेरा कॉलोनी, अरेरा हिल्स, शाहपुरा, एमपी नगर, पुराना शहर, न्यू मार्केट, चूना भट्टी, साकेत नगर सहित, भोपाल टॉकीज सहित आधा दर्जन ऐसे क्षेत्र हैं जो सघन क्षेत्र में परिवर्तित हो चुके हैं। पहले से ही यहां के रेट काफी ज्यादा है। इन क्षेत्रों में सिर्फ री-सेल की प्रॉपर्टी की गुंजाइश बची है। इस कारण इन जगहों पर रेट नहीं बढ़ाए गए। सिर्फ उन्हीं क्षेत्रों को टारगेट किया गया जहां बिल्डरों के नए प्रोजेक्ट बन रहे हैं या तैयार हैं। इसी लिए इसे प्राइम लोकेशन माना गया है।
रेट कम करने की मांग
दीपड़ी में जमीनों के रेट कम करने के लिए मैसर्स कोल ने आपत्ति दर्ज कराई है। उनका कहना है कि पहले से ही दीपड़ी में रेट ज्यादा है। यहां रेट कम किए जाएं। देवरीकला रोड में प्लॉटों के रेट ज्यादा बताते हुए सिग्नेचर ग्रीन प्रोजेक्ट की तरफ से रेट कम करने की मांग की गई है। इसी प्रकार डायवर्टेड जमीन के रेट कम करने के लिए भी तीन अलग-अलग अपत्तियां की गईं हैं।
हमारा हर बार यही कहना है कि वर्ष 2010 के रेट जब तक नहीें लाएंगे, कुछ नहीं हो सकता। बाजार की स्थिति खराब ही रहेगी। – मनोज मीक, प्रवक्ता क्रेडाई