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- छठवीं से दी जाएगी व्यावसायिक शिक्षा
भोपाल. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को कहा, शिक्षण संस्थाएं अमर्यादित शिक्षा देकर विद्यार्थियों को दिग्भ्रमित करें, यह नहीं चलेगा। हम बच्चों को आतंकवादी नहीं बनने दे सकते। कोई संस्थान गलत शिक्षा देता है, तो उसे रोका जाएगा। मुख्यमंत्री ने प्रशासन अकादमी में विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान की ओर से आयोजित शिक्षक-शिक्षा का कायाकल्प राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ करते हुए यह बातें कही।
सीएम ने कहा, शिक्षा का उद्देश्य ज्ञान, कौशल और नागरिकता के संस्कार देना होना चाहिए। नई शिक्षा नीति में इन तीनों बातों का ध्यान रखा गया है। इन्हें प्रदेश में लागू किया जाएगा। कक्षा छठवीं से व्यावसायिक शिक्षा दी जाएगी। शिक्षा का अर्थ तोते की तरह रटना, बस्ते के बोझ से दबे रहना और परीक्षा देना नहीं है। शिक्षा से बच्चों की प्रतिभाओं का प्रकटीकरण होना चाहिए। इसके लिए शिक्षकों के शिक्षण-प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
- समाज के सहयोग से दी जाए शिक्षा
सीएम ने कहा कि शिक्षा देना सिर्फ सरकार का कार्य नहीं है। शिक्षा तो समाज के सहयोग से दी जानी चाहिए। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोड मैप में शिक्षा का महत्त्वपूर्ण स्थान है। प्रदेश में उच्च गुणवत्तायुक्त सीएम राइज स्कूल खोले जाने के लिए डेढ़ हजार करोड़ रुपए का बजट रखा है। अच्छी तकनीकी शिक्षा के लिए ग्लोबल स्किल पार्क और आदर्श आइटीआइ बनाए जा रहे हैं।
- टास्क फोर्स से जोड़ें शिक्षाविदों को
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश पहला राज्य है, जहां नई शिक्षा नीति लागू करने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया गया है। इसमें प्रदेश के विभिन्न शिक्षाविदों को जोड़ा जाए, जो नई शिक्षा नीति के प्रावधानों को मध्यप्रदेश में किस तरह व्यवहारिक रूप से लागू किया जाए, इस संबंध में सुझाव दें।
Published on:
06 Mar 2021 05:07 am
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