scriptप्रदेश के जंगलों का वैल्यूएशन करेगा आईआईएफएम | IIFM will evaluate the forests of the state | Patrika News
भोपाल

प्रदेश के जंगलों का वैल्यूएशन करेगा आईआईएफएम

– एक-एक पेड़ से मिलने वाली सेवाओं का होगा आकलन
– लोगों को उस क्षेत्र की वन संपदा के मूल्यों के संबंध में पता चल सके

भोपालJul 25, 2021 / 09:05 pm

Ashok gautam

वन मंत्री विश्नोई उदयपुर में पौधरोपण करते हुए।

वन मंत्री विश्नोई उदयपुर में पौधरोपण करते हुए।

भोपाल। भारतीय वन प्रबंध संस्थान (आईआईएफएम) प्रदेश के जंगलों का इकोनामिक वैल्यूएशन करेगा। वनों का प्रदेश के जीडीपी में हर साल कितना योगदान होता है इसका मूल्यांकन करेगा। वहीं यह भी बताया जाएगा कि एक-एक पेड़ से लोगों को मिलने वाली सेवाओं का मूल्य तय कर उसे रुपयों में बदला जाएगा।
हमारे वन हमे हवा, पानी, खनिज, लकड़ी, ईंधन, चारा, औषधियां सहित अन्य ईकोसिस्टम सेवाओं में कितना योगादान देते हैं इसका सरकार एक अध्ययन करा रही है।
अध्ययन का काम एक साल के अंदर पूरा हो जाएगा। प्रदेश के सभी वन मंडलों का अलग-अलग सर्वे रिपोर्ट तैयार की जाएगी। जिससे लोगों को उस क्षेत्र की वन संपदा के मूल्यों के संबंध में पता चल सके। इससे जब भी उस क्षेत्र में सरकार कोई उद्योग अथवा बड़े प्रोजेक्टों के संबंध में कार्ययोजना तैयार करे तो उसे यह पहले से पता हो कि उस क्षेत्र की वन संपदा से सरकार के खजाने में प्रति वर्ष प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से कितन राजस्व आ रहा है।

जंगल से जुड़े लोगों की अर्थव्यवस्था
अध्ययन में यह भी देखा जाएगा कि वन और वन संपदा से कितने लोगों को रोजगार मिला है, कितने लोग सीधे तौर पर वनों से जुड़कर काम कर रहे हैं और कितने लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला है। इसके अलावा आदिवासियों के जीविकोपार्जन में वन संपदा, जैसे फल, फूल, कंद-मूल, शहद, गोंद सहित अन्य चीजों से प्रति वर्ष कितनी आया हो रही है। अगर सरकार इन आदिवासियों को इस तरह के रोजगार उपलब्ध कराती तो सरकार पर इसका कितना भार आएगा।


जंगल नहीं होने पर क्या प्रभाव
जंगल की वैल्यू के साथ ही यह भी बताया जाएगा कि जंगल नहीं होने की स्थिति में जन पर क्या प्रभाव पड़ेगा। जंगल और पेड़-पौधों से शहर और ग्रामीण पर्यावरण पर क्या असर होगा, इसकी भी एक रिपोर्ट तैयार होगी। ग्लोबल वार्मिंग से भी जंगलों को जोड़ा जाएगा, जिससे इसका लाभ प्रदेश की सरकार को मिले। सरकार यह दावे के साथ किसी भी मंच पर बोल सकें कि कार्बन संचय से लेकर पर्यवरण संतुलन में प्रदेश के वनों का कितना योगदान है।

ग्रीन इंडिया मिशन मप्र के जरिए वनों के इकोनामिक वैल्यू का सर्वे कराया जा रहा है। सर्वे एक साल के अंदर पूरा होगा। इसमें वनों की कीमत लोगों को मिलने वाली सेवाओं के आधार पर तय की जाएगी।
डॉ.अद्वित एडगांवकर, सह प्राध्यापक आईआईएफएम मप्र

Home / Bhopal / प्रदेश के जंगलों का वैल्यूएशन करेगा आईआईएफएम

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो